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Dil Bechara Movie Review: खुल के जीना सिखाती है सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 

फिल्म: दिल बेचारा 

OTT: डिस्नी  +हॉटस्टार 

कास्ट: सुशांत सिंह राजपूत, संजना संघी, सैफ अली खान, स्वस्तिका मुखर्जी, साहिल वैद, सास्वता चटर्जी, सुमित टंडन 

निर्देशक: मुकेश छाबड़ा 

परिचय:

'जनम कब लेना है और मरना कब है, यह हम डिसाइड नहीं कर सकते लेकिन जीना कैसे है वो तो हम डिसाइड कर सकते हैं' सुशांत की आखिरी फिल्म और संजना की पहली फिल्म यह डायलॉग दर्शकों को हमेशा याद रहेगा. कैंसर जीतनी दर्दनाक बीमारी है उतना ही दर्द कीजी की जिंदगी में भी है जो थाइरोइड का शिकार होती है. वह भी दूसरी लड़कियों की तरह अपने सपने के राजकुमार को देखना चाहती है, नॉर्मल लाइफ जीना चाहती है लेकिन उसकी बीमारी उसे ऐसा करने नहीं देती.

कहानी:

फिल्म की कहानी कीजी बासु (संजना संघी) से शुरू होती है, जो जमशेदपुर के एक कॉलेज में पढ़ती है और जिंदगी जीने की उम्मीद छोड़ चुकी होती है क्यूंकि वह थाइरोइड कैंसर की शिकार होती है. कीजी दूसरी लड़कियों की तरह नॉर्मल लाइफ जीना चाहती है लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर का वजन और दवाइयां उसे हमेशा इस बात का एहसास दिलाते हैं कि उसके पास बहुत कम समय है. कीजी की एक ही इच्छा होती है कि वह एक बार म्यूजिशियन अभिमन्यु वीर से मिलना चाहती है और उसके मैनी उसके इस सपने को पूरा करता है, मैनी उर्फ़ इमेन्युअल राजकुमार जूनियर (सुशांत सिंह राजपूत), जो पैर की सर्जरी की वजह से हैंडीकैप्ड होता है क्यूंकि उसे भी ओस्टियोसारकोमा (हड्डियों में पैदा होने वाला एक प्रकार का कैंसर) होता है. 

कीजी और मैनी की पहली मुलाकात एक फेस्ट के दौरान होती है. पहली मुलाकात में कीजी को मैनी थोड़ा अजीब लगता है. मैनी थलाइवा (रजनीकांत) का फैन होता है और कीजी अभिमन्यु वीर की. धीरे- धीरे उनकी मुलाकात दोस्ती में बदलती है और दोस्ती प्यार में. कीजी के मन में एक सवाल होता है कि म्यूजिशियन अभिमन्यु वीर ने अपना आखिरी गाना अधूरा क्यों छोड़ा इसलिए वो उनसे मिलना चाहती है. ईमेल के जरिये अभिमन्यु कीजी को पेरिस बुलाता है लेकिन बीमारी की वजह से डॉक्टर और कीजी के पेरेंट्स उसे अकेले पेरिस भेजने से इंकार करते हैं. कई कोशिशों के बाद कीजी मैनी और अपनी मां के साथ पेरिस के लिए रवाना होती है और अभिमन्यु से मिलती है. पेरिस में ही कीजी मैनी को प्रपोज करती है. भारत आने के बाद मैनी के इलाज के समय कीजी उसके साथ होती है. फिल्म का क्लाइमैक्स बहुत दर्दनाक है. 

कास्टिंग: 

कास्टिंग की बात करें तो सुशांत और संजना संघी के साथ सैफ अली खान और साहिल वैद भी अच्छी भूमिका में है. साहिल सुशांत के  बेस्ट फ्रेंड का किरदार निभाते है, जो हर मुश्किल घड़ी में साये की तरह उनके साथ रहता है. इसके अलावा स्वस्तिका मुखर्जी और सास्वता चटर्जी संजना के माता- पिता के किरदार में अच्छी भूमिका निभाई है. सुशांत के चेहरे के एक्सप्रेशंस आपका दिल जरूर जीतेंगे. उनकी मुस्कान और डायलॉग बोलने का अंदाज आपको जरूर रुलाएगा. 

तकनीकी: 

फिल्म को म्यूजिक ए. आर रहमान ने दिया है, जिनकी संगीत की दीवानी पूरी दुनिया है. फिल्म का हर गाना आपके दिल को छुएगा. सत्यजीत पांडे की सिनेमेटोग्राफी हर सीन को अच्छे से बयां करती है. सुनिधि चौहान की आवाज और फराह खान की कोरियोग्राफी का जवाब नहीं. 'दिल बेचारा फ्रेंडज़ोन का मारा' फराह की कोरियोग्राफी में सुशांत का माइकल जैक्सन मूव्स चेहरे पर मुस्कराहट ले आएगा.    
 

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