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'भूमि' दमदार संजू बाबा पर कमजोर कहानी

भूमि संजय दत्त की कमबैक फिल्म है और संजय से जैसी उम्मीद थी उन्होंने वैसा ही काम किया. संजय दत्त को बड़े परदे पर देखना आज भी किसी ट्रीट से कम नहीं है. लेकिन कमजोर और पुराने दौर की कहानी है. ओमंग कुमार ने फिल्मों, अवॉर्ड और रियलिटी शोज के बड़े-बड़े सेट्स खड़े किये हैं. अब ओमंग ने संजय दत्त की वापसी वाली फिल्म 'भूमि' डायरेक्ट की है. इस फिल्म से संजय दत्त के प्रशंसकों और मेकर्स को काफी उम्मीदें हैं.

कहानी
यह कहानी उत्तर प्रदेश के आगरा में बेस्ड है जहं एक जूते की दुकान के मालिक हैं अरूण सचदेवा (संजय दत्त), वो अपनी बेटी भूमि (अदिती राव हैदरी) के साथ रहते हैं. अरुण का दोस्त और पड़ोसी ताज (शेखर सुमन) है. भूमि, नीरज (सिद्धांत) से प्यार करती होती है, उसी से उसकी शादी फि‍क्स हो जाती है लेकिन कॉलोनी का एक और लड़का (विशाल), भूमि से एकतरफ़ा मोहब्बत किया करता है, जिसकी वजह से वो अपने दबंग चचेरे भाई धौली (शरद केलकर) के साथ मिलकर भूमि को शादी से ठीक एक रात पहले अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करता है. जिसकी वजह से बात पुलिस स्टेशन होते हुये कोर्ट तक पहुंचती है. अब क्या अरुण और उसकी बेटी को न्याय मिल पाता है? कहानी का अंत क्या होता है, ये जानने के लिये आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

http://hindi.peepingmoon.com/rj-alok-unplugged/rj-alok-unplugged-bhoomi-review-1666/

प्‍लस पॉइंट
फिल्म का डायरेक्शन,आर्ट वर्क, सिनेमेटोग्राफ़ी और लोकेशंस कमाल के हैं. संजय दत्त का एक अरसे के बाद पर्दे पर आना और उसी गर्मजोशी के साथ उम्दा प्रदर्शन देना क़ाबिल ए तारीफ़ है, हालांकि काफ़ी इमोशनल फिल्म है. संजय दत्त ने उम्दा अभिनय किया है. साथ ही अदिती राव हैदरी का काम भी काफ़ी बढ़िया है. संजय दत्त के दोस्त के रूप में शेखर सुमन ने ठीक ठाक अभिनय किया है वहीं विलेन का रोल शरद केलकर ने जबरदस्त किया है. फिल्म का
फ़र्स्ट हाफ अच्छा है किंतु सेकेंड हाफ बहुत हिला डुला है. मुद्दों के आधार पर फिल्म सोचने पर विवश भी करती है.

माइनस पॉइंट
कहानी, इस फिल्म की काफ़ी कमज़ोर है. आपको पता रहता है कि अगले पल क्या होने वाला है. सरप्राइज़ एलिमेंट बहुत ही कम हैं. फिल्म के संवाद भी ठीक ठाक ही है. स्क्रीनप्ले को दुरूस्त किया जाता तो फिल्म अलग लेवल पर रहती. फिल्म का कोई भी गीत हिट नहीं हुआ, गाने और बेहतर हो सकते खेल.

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कमाई
फिल्म का प्रोडक्शन कॉस्ट 22 करोड़ और प्रोमोशन कॉस्ट 8 करोड़ बताया जा रहा है, तो कुल मिलाकर 30 करोड़ रुपये लगे हुए हैं और संजय दत्त बड़े पर्दे पर एक अरसे के बाद आ रहे हैं जो चर्चा का विषय भी है. फिल्म को भारत में 1894 स्क्रीन्स में 5627 शोज के साथ रिलीज़ किया जा रहा है वहीं ओवरसीज़ 240 प्रिंट भेजे गये हैं. वीकेंड बढ़िया जाने की उम्मीद है.

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