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श्रद्धा कपूर की 'हसीना पारकर' नहीं द‍िखी हसीन

हसीना पारकर के डायरेक्टर अपूर्वा लाखिया ने 2003 में फिल्में बनानी शुरू की थीं लेकिन अभी तक वे सिर्फ एक ही हिट फिल्म दे सके हैं और वह 'शूटआउट एट लोखंडवाला'. अब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर की जिंदगी पर आधारित फिल्म का निर्माण किया है ,फिल्म की कास्टिंग भी काफी अलग तरह की रखी गयी है.

कहानी
यह कहानी मुंबई में 2007 के कोर्ट रूम में शुरू होती है जहां हसीना पारकर ( श्रद्धा कपूर ) के ऊपर अलग अलग धाराओं के तहत केस की सुनवाई हो रही है, फिर वक़ील (प्रियंका सेतिया ) के पूछे जाने पर हसीना पारकर अपने पिता ( दधि पांडे ) , भाई दाऊद ( सिद्धांत कपूर ) और हस्बैंड ( अंकुर भाटिया ) के बारे में अलग अलग वाकये बताती है. इसी दौरान बाबरी मस्जिद , हिंदू मुस्लिम दंगे , मुंम्बई ब्लास्ट जैसी कई घटनाओं का ज़िक्र होता है. पारिवारिक मुद्दों के साथ साथ अहम बातों की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया जाता है , फिल्म को अंजाम क्या मिलता है , इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.

http://hindi.peepingmoon.com/rj-alok-unplugged/rj-alok-unplugged-haseena-parkar-review-1670/

माइनस पॉइंट
फिल्म की कहानी और ख़ास तौर पर स्क्रीनप्ले काफ़ी कमज़ोर है जिसकी वजह से एक वक़्त के बाद काफ़ी बोरियत होने लगती है. फिल्म की कास्टिंग भी काफ़ी कमज़ोर है, जहां एक तरफ़ श्रद्धा कपूर कहीं कहीं ठीक लगती हैं तो कहीं कहीं किरदार के साथ न्याय नहीं कर पाती हैं. सिद्धांत कपूर के रूप में हमने सबसे कमज़ोर अंडरवर्ल्ड डॉन देखा है, उस पर ज़्यादा मेहनत की जाती तो फिल्म और बेहतर लगती. बहुत ही बढ़िया फिल्म बनाई जा सकती थी. संवाद भी कमज़ोर हैं. फिल्म का सेकेंड हाफ और भी कमज़ोर लगता है और एक पल के बाद बोरियत होने लगती है. फिल्म में कार्टरूम ड्रामा तो है पर वो काफ़ी कमज़ोर दिखाई देता है. कोर्टरूम में सीरियल सीन्स पर भी हंसी आने लगती है. फिल्म की एडिटिंग और दुरूस्त की जा सकती थी, कहीं कहीं कुछ ऐसे शाट्स लगें हैं तो गंभीरता को मज़ाक़ बनाते हुये दिखते हैं. फिल्म का गाना भी कमज़ोर है जो कहानी में व्यवधान डालता है.

प्‍लस पॉइंट
फिल्म का डायरेक्शन और बैकड्रॉप अच्छा है. अपूर्व लाखिया की शूटिंग स्टाइल क़ाबिल ए तारीफ़ है और प्रेजेन्ट करने का ढंग कमाल का है. कैरेक्टर एक्टर के तौर पर दधि पांडे ने हसीना के पिता का किरदार बढ़िया निभाया है वहीं हसीना के हस्बैंड का रोल अंकुर भाटिया ने दुरुस्त निभाया है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अमर मोहिले ने उम्दा दिया है जो पूरी कहानी में जंचता है. अगर श्रद्धा कपूर के बहुत बड़े फ़ैन हैं तो एक बार देख सकते हैं.

कमाई
प्रोडक्शन कॉस्ट और प्रोमोशन को मिलकर फिल्म का बजट लगभग 30-35 करोड़ बताया जा रहा है और अगर वीकेंड तक फिल्म का वर्ड ऑफ़ माउथ और कलेक्शन सही रहा तो अगले हफ्ते स्क्रीन्स बढाए भी जा सकते हैं.

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