बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान की फिल्म 'शेफ' आज (शुक्रवार) सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है. डायरेक्टर राजा कृष्णन मेनन की यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म ‘शेफ’ की आधिकारिक रीमेक है. यह फिल्म आपको पाक कला और खाने से जुड़े एक ऐसे सफर पर ले जाती है जहां फिल्म के नायक की खाने बनाने की कला देखकर आपका भी मन करेगा अपना ऐप्रन, चाकू और दूसरी चीजें लेकर सीधे किचन में जाने का और स्क्रीन पर दिखाए गए एक से एक मजेदार खाने को बनाने का जिसे देखते ही लोग ऊंगलियां चाटते रह जाएं.
कहानी
यह कहानी दिल्ली के चांदनी चौक के रहने वाले रोशन कालरा (सैफ अली खान) की है जिसे बचपन से ही खाना बनाने का शौक था और ये बात उसके पिताजी को बिल्कुल पसंद नहीं थी, यही कारण है कि रोशन अपने घर से भागकर न्यूयॉर्क चला जाता है और वहां के गली किचन नामक रेस्टॉरेंट में शेफ के रूप में काम करने लगता है, उसकी शादी राधा मेनन (पद्मप्रिया जानकीरमन) से हुयी है और दोनों को एक बेटा अरमान (स्वर कांबले) भी है, लेकिन अब राधा और रोशन के बीच तलाक हो गया है और दोनों अलग अलग रहते हैं. अरमान अपनी मां के साथ केरल में रहता है वहीँ रोशन कालरा न्यूयॉर्क में. रोशन के साथ न्यूयॉर्क में कुछ ऐसा होता है जिसकी वजह से उसे वापस भारत आना पड़त अहइ और वो केरल जाकर अपने बेटे के साथ कुछ वक्त बिताता है , उसी दौरान चलती फिरती ट्रक के ऊपर वो दुबारा से अपने शेफ के काम को करना शुरू करता है. कहानी में ट्विस्ट और टर्न्स तब आते हैं जब बीजू (मिलिंद सोमन) की एंट्री होती है. आखिरकार क्या होता है, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.
https://www.youtube.com/watch?v=y5vVcbikGXk
प्लस पॉइंट
फिल्म की कहानी सरल तो है लेकिन अलग है, पिता पुत्र के रिश्ते के साथ साथ , रिश्तों में आये अलगाव के ऊपर भी बड़े सरल तरीके से ये फिल्म एक गहरा मैसेज दे जाती है जिससे कनेक्ट करना आसान है. फिल्म का स्क्रीनप्ले बढ़िया है और साथ ही लिखावट कमाल की है जिसके लिए लेखक की तारीफ होनी चाहिए. फिल्म का बैकड्रॉप काफी कलरफुल है जो आपको केरल की खूबसूरती के साथ साथ अमृतसर, दिल्ली और न्यूयॉर्क का माहौल भी दर्शाता है. फिल्म में सैफ अली खान एक बार फिर से अपने स्टाइलिश अवतार में दिखाई देते हैं और पिता के साथ साथ सोचने वाले पति का किरदार भी बखूब निभाते हुए दिखाई देते हैं. साउथ की मशहूर अभिनेत्री पद्मप्रिया भी इस फिल्म में बहुत ही सहज अभिनय करती हुयी दिखाई देती हैं और वहीँ बेटे के रूप में स्वर कांबले ने बढ़िया काम किया है. अभिनेता चन्दन रॉय सान्याल ने भी सह कलाकार के किरदार को अच्छे से निभाया है और कई सारे हंसी के पल आपके सामने लाते हैं. मिलिंद सोमन का छोटा लेकिन अच्छा किरदार हैं. फिल्म का सनगीत अच्छा है और रघु दीक्षित का गाय हुआ गाना शुगल लगा ले
भी बढ़िया है. बैकग्राउंड स्कोर भी कहानी के संग संग चलता है. फिल्म की अच्छी बात ये है की यह आपके काम और पर्सनल लाइफ के लिए ऑय ओपनर का काम करती है.
माइन्स पॉइंट
फिल्म का ट्रीटमेंट अर्बन स्टाइल का है जिसकी वजह से शायद यह हरेक तबके को पसंद ना आये, साथ ही अंग्रेजी का ज्यादा प्रयोग है जिसकी वजह से मल्टीप्लेक्स में ज्यादा चलने की उम्मीद है. फिल्म में टिपिकल मसाला नहीं परोसा गया है जो शायद मसाला वाली फिल्मों के प्रेमियों को अच्छा ना लगे. एक ख़ास तरह की ऑडियंस ही इस फिल्म का लुत्फ़ उठा सकेगी. फिल्म का क्लाइमेक्स भी प्रेडिक्ट किया जा सकता है, जिसे बदला जाता तो कहानी और सटीक हो जाती .
कमाई
फिल्म का बजट 30 -40 करोड़ बताया जा रहा है, और इसके डिट्रिब्यूशन राईट्स, डिजिटल और लाइव स्ट्रीमिंग राईट्स पहले ही बेचे जा चुके हैं , जिस लिहाज से फिल्म की रिकवरी आसान है. फिल्म को 1000 से ज्यादा स्क्रीन में रिलीज किया जा रहा है.