फिल्म: मुंबई सागा
कास्ट: जॉन अब्राहम, इमरान हाशमी, सुनील शेट्टी, काजल अग्रवाल, रोहित रॉय, अंजना सुखानी, महेश मांजरेकर, प्रतीक बब्बर, समीर सोनी, अमोले गुप्ते और गुलशन ग्रोवर
निर्देशक: संजय गुप्ता
रेटिंग: 3.5 मून्स
निर्देशक संजय गुप्ता की 'मुंबई सागा' की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है जो हमें 90 के दशक की शुरुआत में ले जाती है जब अंडरवर्ल्ड उग्र था और मुंबई को तब बॉम्बे कहा जाता था. जॉन अब्राहम, इमरान हाशमी, सुनील शेट्टी, काजल अग्रवाल, रोहित शेट्टी, अंजना सुखानी, महेश मांजरेकर, प्रतीक बब्बर, समीर सोनी, अमोले गुप्ते और गुलशन ग्रोवर स्टारर मुंबई सागा एक एक्शन थ्रिलर है, जिसके लिए संजय गुप्ता को जाना जाता है.
फिल्म में जॉन अमर्त्य राव नाम के शख्स की भूमिका में हैं, जो भाजी बेचने का काम करता रहता है. जिसके जिंदगी में बदलाव उस समय आता है, जब पैसा वसूली करने वाला एक गुंडा गायतोंडे (अमोल गुप्ते) अमर्त्य के भाई अर्जुन (प्रतीक बब्बर) को मारता है. इस तरह से अमर्त्य को एक क्रूर लड़ाई में उनका सामना करता है. इस घटना के बाद अमर्त्य अनजाने में खुद एक गुंडा बन जाता है और मुंबई के अंडरवर्ल्ड की दुनिया में पहुंच जाता है. आपराधिक दुनिया में उनका उदय उनकी निडरता और तप के साथ-साथ उन्हें एक बड़े स्थानीय राजनेता महेश मांजरेकर, जो भाऊ का किरदार निभा रहे हैं, से मिलता है. भाऊ मुंबई पर राज करता है और अमर्त्य को सबसे खूंखार अंडरवर्ल्ड डॉन बनने में मदद करता है. अमर्त्य अपने भाई पर हमले का बदला लेने के लिए आगे बढ़ता है और खेतान नाम के एक उद्योगपति की भूमिका निभाने वाले समीर सोनी को मारता है. दिन के उजाले में हुई यह हत्या स्क्रीन पर इमरान हाशमी के किरदार को सामने लाती है. इमरान, इंस्पेक्टर विजय सावरकर की भूमिका निभाता है, जो केवल एक ही एजेंडे के साथ आता है- अमर्त्य को मारना.
मुंबई सागा अच्छी तरह से कोरियोग्राफ किए गए एक्शन सीन्स का दावा करता है, जिसमें लीड एक्टर्स अपने किरदार के साथ न्याय करते दिखाई देते हैं. हालांकि, स्टंट्स और एक्शन्स बहुत जबरदस्त नहीं हैं और उन्हें देख आपको रोमांच का एहसास नहीं होगा. फिल्म में ऐसा कुछ भी नया नहीं है जिसे आपने जॉन अब्राहम और संजय गुप्ता की फिल्म में पहले देखा नहीं होगा.
एक्टिंग की बात करें तो, भले ही फिल्म में टैलेंटेड कास्ट है, लेकिन आप और ज्यादा की उम्मीद करेंगे. जॉन एक्शन सीन्स में अच्छा है और अपनी कमाल की बॉडी दिखाते हैं. वह अपने स्टंट के साथ प्रभावित करते हैं, लेकिन इमोशनल सीन्स और डायलॉग्स के साथ वह न्याय नहीं कर पाए हैं. दूसरी ओर, इमरान ने एक सख्त पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाने की पूरी कोशिश है. दर्शक, जो दोनों कलाकारों के साथ बहुत सारी आतिशबाजी की उम्मीद कर रहे थे, उनके हाथ निराशा लगेगी क्योंकि दोनों एक साथ कुछ ही सीन्स में नजर आते हैं. फिल्म शायद और अच्छी हो सकती थी, अगर दोनों स्टार्स को ज्यादा सीन्स में साथ दिखाया गया होता.
फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट की बात करें तो, महेश मांजरेकर, अमोले गुप्ते और रोहित रॉय अपनी एक्टिंग के दम से टॉप पर हैं. गुप्ते अपने सीन्स से फिल्म में ह्यूमर का सेंस लेकर आते हैं, जिससे फिल्म की कहानी थोड़ी ठीक लगती है. मांजरेकर, एक चतुर राजनेता की भूमिका में शानदार हैं. रोहित, जॉन को गैंग मेंबर और दोस्त होने के नाते अपने पूरा सपोर्ट देते हैं. गुलशन ग्रोवर भी अपने छोटे कैमियो से प्रभावित करते हैं. काजल अग्रवाल और अंजना सुखानी के पास फिल्म में करने के लिए बहुत कुछ नहीं है और इसलिए वह प्रभाव पैदा करने में विफल हैं.
संजय गुप्ता ने अच्छे एक्शन सीन्स के साथ अपने निर्देशन को संतुलित करने में कामयाबी हासिल की है. वह अपनी सिग्नेचर शैली के साथ बने हुए हैं और फिल्म में कलाकारों की टुकड़ी को अच्छी तरह से मैनेज किया है. हालांकि, फिल्म के डायलॉग्स और बेहतर हो सकते थे. शिखर भटनागर की सिनेमैटोग्राफी सराहनीय है और जो 90 के दशक की एक एक्शन फिल्म के साथ न्याय करती है. रॉबिन भट्ट और संजय का स्क्रीनप्ले अद्भुत होगा, अगर उसे और क्रिस्प से भरा करने की कोशिश की गयी होती.
मुंबई सागा का म्यूजिक कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करता है और फिल्म के स्लो होने पर उसे गति देता है. यो यो हनी सिंह और पायल देव का म्यूजिक अच्छा है. अमर मोहिले का बैकग्राउंड स्कोर उल्लेखनीय है क्योंकि यह फिल्म के एक्शन सीन्स को प्रदर्शित करने में मदद करता है.
मुंबई सागा यह दिखाने की कोशिश करता है कि 90 के दशक के मध्य में बॉम्बे मुंबई कैसे बन गया. अगर आप काफी समय से कोई गैंगस्टर एक्शन ड्रामा फिल्म देखने का इंतजार कर रहे थे, तो यह फिल्म आपके लिए एक सही चॉइस है.
PeepingMoon.com मुंबई सागा को 3.5 मून्स देता है.