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काफी कमजोर मर्डर मिस्ट्री है 'कुलदीप पटवाल: I Didn't Do It!'

राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर अपनी पहली फिल्म बना रहे रेमी कोहली ने जमीनी हकीकत पर आधारित कहानी के माध्यम से यह फिल्म बनायी है, जिसमें काफी अलग तरह की कास्टिंग की गई है, फिल्म की कहानी आपको सोचने पर मजबूर करती हुई दिखाई देगी, जिसे देखने के बाद इसका असर आपके दिमाग पर कई दिनों तक रहेगा. आइये आपको बताते हैं इस फिल्म से जुडी छोटी-बड़ी बातें..

कहानी 

फिल्म की कहानी भारत के ही एक कस्बे भारतसर से शुरू होती है, जहां कुलदीप पटवाल (दीपक डोबरियाल) अपने माता पिता और पत्नी के साथ एक मध्यमवर्गीय परिवार में रहता है. जिंदगी की गुजर बसर करने के लिए उसने एक किराने की दूकान खोल रखी है, वहीं पिता एक ऑटो ड्राइवर हैं. एक दिन एक रैली के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री वरुण चड्ढा (प्रवीण डबास) उनके छोटे से कसबे का दौरा करते हैं, जहां उनकी गोली लगने की वजह से मौत हो जाती है और वहाँ मौजूद होने के कारण हत्या का शक कुलदीप के ऊपर आ जाता है. अब कुलदीप का केस मशहूर वकील प्रदुमन शाहपुरी (गुलशन देवैया) लड़ते हैं, तो वहीं वरुण का केस उनकी धर्मपत्नी सिमरत चढ्ढा (रायमा सेन) लड़ती है. कहानी में कई ट्विस्ट टर्न्स आते हैं, जो इसकी रोचकता बनाए रखते हैं. आखिरकार कातिल कुलदीप है या कोई और? इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.

कमजोर कड़ी 

फिल्म की कहानी अच्छी है पर स्क्रीनप्ले ठीक से नहीं किया गया है. फिल्म की कहानी को बार बार प्रेजेंट और फ्लैशबैक को दर्शाने के चक्कर में मेकर प्लाट से भटकते हुए नजर आ सकता है, जिससे एक वक्त के बाद आप भी बोर होने लगते हैं. कहानी काफी खींची-खींची हुई नजर आती है, जिसकी अच्छे से कटाई-छंटाई की जाती तो बहुत ही क्रिस्प फिल्म कहलाती. फिल्म का नाम 'कुलदीप पटवाल' के नाम पर बेस्ड है, लेकिन फिल्मांकन के दौरान इस किरदार के साथ न्याय नहीं हो पाया है. देखा जाए तो इस पात्र को और भी ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत थी. अंततः एक बढ़िया कहानी एक उम्दा फिल्म में तब्दील होते होते रह गयी है.

क्यों देखें फिल्म?

फिल्म में दीपक डोबरियाल ने काफी अलग तरह का किरदार निभाया है, जिसके ऊपर हत्या का आरोप है. लेकिन उसकी मनोस्थिति कैसी होनी चाहिए, इस पर दीपक ने बड़ा काम किया है, जो इस फिल्म में साफ नजर आता है. वहीं रायमा सेन और बेहतर अभिनय कर सकती थी. प्रवीण डबास, अनुराग अरोड़ा, जमील खान ने भी बहुत ही सहज अभिनय किया है. गुलशन देवैया ने अपने किरदार में जान फूंक दी है और पंजाबी में बात करते हुए बहुत ही नेचुरल अभिनय करते हुए दिखाई देते हैं. अच्छी बात ये भी है की फिल्म में कोई भी अतिरिक्त गाने नहीं है. फिल्म का डायरेक्शन बढ़िया है और आरक्षण के साथ साथ हॉस्पिटल की कंडीशन जैसे मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गयी है.

बॉक्स ऑफिस : 

फिल्म का बजट लगभग 5-6 करोड़ का बताया जा रहा है और अहम् समस्या इसके लिए स्क्रीन्स का आवंटन हो सकती है, क्योंकि पहले से ही 'पद्मावत' सिनेमाघरों में अपना वर्चस्व बना चुकी है और अगले हफ्ते 'पैडमैन' और 'अय्यारी' भी दस्तक देने वाली है. इस बीच देखन होगा की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कैसे परफॉर्म करती है.

स्‍टार: 2
कास्‍ट: दीपक डोबरियाल, गुलशन देवैयाः , जमील खान, रायमा सेन, परवीन डबास , अनुराग अरोड़ा

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