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Movie Review: खूबसूरत प्रेम कहानी है वरुण धवन की 'अक्‍टूबर'

बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन साल की पहली फिल्म 'अक्टूबर' से एंट्री मारी है. वरुण धवन और बनीता संधू की फिल्म 'अक्टूबर' शुक्रवार को रिलीज हो गई है. फिल्म के ट्रेलर को ही दर्शकों का काफी अच्छा रिसपॉन्स मिला था और वे फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. अब दर्शकों का इंतजार खत्म हुआ. फिल्म भारत में लगभग 1500 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है. शूजीत सरकार की ये फिल्म बेहद खूबसूरत है. फिल्म की कहानी आपको आखिर तक बांधे रखेगी. जूही चतुर्वेदी की कहानी को शूजीत सरकार ने जिस सादगी और अंदाज से पेश किया, वो वाकई काबिले तारीफ है. लेकिन अगर आप हार्डकोर मसाला ढूंढने की कोशिश करेंगे, तो ये फिल्म आपको उदास कर सकती है.

फिल्म की कहानी-
होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाला डैन (वरुण धवन) एक फाइव स्टार होटल में इंटर्नशिप कर रहा है. वह अपनी जिंदगी में किसी भी काम को गंभीरता से नहीं लेता. हालांकि, उसका सपना एक रेस्तरां खोलने का है, मगर इंटर्नशिप के दौरान उसकी ऊल-जुलूल हरकतों और अनुशासनहीनता के कारण उसे बार-बार निकाल दिए जाने की वार्निंग दी जाती है. दूसरी ओर उसकी बैचमेट शिवली डैन के मिजाज के विपरीत बहुत ही मेहनती और अनुशासनप्रिय स्टूडेंट है. शिवली और डैन के बीच कहानी में कुछेक सीन ऐसे जरूर आते हैं, जहां उनके बीच एक अनकहा रिश्ता महसूस होता है, मगर लेखक-निर्देशक ने उसे कहीं भी अंडरलाइन नहीं किया. फिर एक दिन अचानक शिवली एक हादसे की शिकार होकर कोमा में चली जाती है. जिस वक्त उसके साथ यह हादसा होता है, डैन वहां मौजूद नहीं था, मगर हादसे का शिकार होने के ऐन पहले शिवली ने डैन के बारे में पूछा जरूर था. क्षत-विक्षत अवस्था में कोमा में जा चुकी शिवली की हालत का डैन पर गहरा असर पड़ता है. शिवली के अस्पताल के चक्कर काटते हुए वह एक ऐसे सफर पर निकल पड़ता है, जिसके बारे में उस जैसा 21 साल का लड़का कभी सोच ही नहीं सकता था.

क्‍या है फ‍िल्‍म में खास, जो देखने पर करेगा मजबूर-
शूजीत सरकार की अनूठी कृति है जिसे देखते वक़्त महसूस किया जा सकता है. डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, लोकेशन ,आर्ट, सब कुछ फिल्म के कहानी के संग संग चलता है. अभिनय के हिसाब से वरुण धवन को आपने इस अवतार में कभी नहीं देखा होगा और एक तरह से यह उनकी सर्वोच्च परर्फॉर्मेंस है, जिस तरह से फिल्म में काफी ठहराव है उसी तरह से वरुण धवन के अभिनय में भी आप को एक अलग तरह का फ्लेवर मिलेगा और सबसे अच्छी बात यह है कि उनके हाव भाव और क्रियाकलापों से आप कनेक्ट भी कर पाते हैं. वहीं दूसरी तरफ फिल्म में एक्टिंग का डेब्यू कर रही बनिता संधू ने भी बढ़िया काम किया है और उनकी आंखों में एक कशिश है जिससे आप दर्शक के तौर पर जरूर कनेक्ट कर पाते हैं. दोनों के बीच की केमिस्ट्री बहुत ही अच्छी है शादी साथ बाकी किरदार भी कहानी के संग संग चलते है. एक तरह से कह सकते हैं कि अक्टूबर एक फील गुड फिल्म है जिसे यू सर्टिफिकेट मिला है और हर वर्ग इसे देख सकता है.

कमजोर कड़ी-
जिन दर्शकों को मसाला, तड़क-भड़क से भरे हुए गीत और ताबड़तोड़ एक्शन के साथ-साथ हंसी मजाक वाली फिल्मों की आदत है यह फिल्म उन्हें जरूर
निराश करेगी क्योंकि इस फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है. यही कारण है कि शायद हर तरह के दर्शक थिएटर तक ना पहुंचे.

फ‍िल्‍म का बजट-
फिल्म का बजट लगभग 30 करोड़ बताया जा रहा है और अगर ट्रेड पंडितों की मानें तो पहले दिन लगभग 7 से 8 करोड़ की कमाई करेगी या काफी अलग
तरह के और वर्ड ऑफ माउथ अच्छा वीकेंड भी आ सकता है.

फ‍िल्‍म के कलाकार-
वरुण धवन, बनिता संधू, गीतांजलि राव

स्‍टार-
3.5

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