हंसल मेहता की नई फिल्म 'ओमर्ता' भारत में रिलीज़ के हो गई है. इस फिल्म ने दुनियाभर के फिल्म फेस्टिवल्स में कई झंडे गाड़े हैं और इस हंसल की अधिकांश फिल्मों की तरह इस बार भी उनकी फिल्म में राजकुमार राव मौजूद हैं. ये पहला मौका है जब राजकुमार राव एक आतंकवादी का रोल निभा रहे हैं और यकीन मानिए उन्होंने पर्दे पर इस रोल को ज़िंदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
फिल्म की कहानी-
यह कहानी ओमार शाहिद शेख (राजकुमार राव) की है जो पैदा तो पाकिस्तान में हुआ लेकिन उसका पालन पोषण और परवरिश लन्दन में हुयी. लेकिन बोसनिया में मुसलमानो पर हुए हमले के बाद किस तरह से ओमार उन हमलों का बदला लेने के लिए पहले पाकिस्तान जाता है और फिर वहाँ से भारत के दिल्ली में रहकर कई बातों को अंजाम देता है, ये हंसल ने दर्शाने की कोशिश की है . फिल्म में 1992 से लेकर 2002 तक की अवधि में ओमार के द्वारा किये कए क्रियाकलापों के बारे में बताया गया है, जिसमें दिल्ली में विदेशियों की किडनैपिंग ,कांधार समझौता , वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला और साथ ही ब्रिटिश जर्नलिस्ट डेनियल पर्ल की हत्या के साथ साथ और भी कई अहम मुद्दों की तरफ ध्यान आकर्षित किया गया है. फिल्म में कई सारे सरप्राइजिंग सीन भी हैं जो आपको सोचने पर विवश भी जरूर करेंगे.
क्या है फिल्म में खास, जो देखने पर करेगा मजबूर-
यह फिल्म मात्र 98 मिनट की है जो की हंसल मेहता की आज तक की सबसे छोटी फिल्म है. और यकीन मानिये राजकुमार राव ने एक बार फिर से बहुत ही उम्दा अभिनय किया है और ओमार के किरदार में पूरी तरह से लिप्त नजर आते हैं और कई ऐसे सीन हैं जहां राजकुमार राव आपको बिल्कुल अलग अवतार में दिखाई देते हैं. हम यह भी कह सकते हैं की इस फिल्म को बनाना आसान काम नहीं था पर हंसल मेहता जैसा फिल्ममेकर ही ऐसी फिल्मों को बना सकता है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बढ़िया है ,कई ऐसे सीन हैं जो आपको सोचने पर विवश करते हैं की क्या सच में इतना खतरनाक आतंकवादी था ओमार, फिल्म की रिसर्च कमाल की है और देखते हुए ऐसा बिल्कुल नहीं लगता की इस फिल्म को बनाने के लिए हंसल मेहता ने एक बार भी ओमार या उसके परिवार से मुलाक़ात नहीं की. फिल्म की रफ़्तार बहुत ही शानदार है .
स्टार-
3.5 स्टार
फिल्म के कलाकार-
राजकुमार राव , राजेश तैलंग, रुपिंदर नागरा, केवल अरोड़ा