फिल्म: बेलबॉटम
कलाकार: अक्षय कुमार, लारा दत्ता, वाणी कपूर, हुमा कुरैशी और आदिल हुसैन
निर्देशक: रंजीत एम तिवारी
रेटिंग: 4 मून्स
बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार अपने फैंस के लिए एक जबरदस्त स्पाई थ्रिलर 'बेलबॉटम' लेकर आएं हैं, जिसकी कहानी 1984 में हुई एक घटना पर आधारित है. रंजीत एम तिवारी द्वारा डायरेक्ट की गयी इस फिल्म में हम भारतीय हवाई जहाज के अपहरण और उसे मुक्त कराने के लिए किये गए पहले गुप्त ऑपरेशन की कहानी देख सकते हैं. अक्षय कुमार इसमें रॉ एजेंट बेलबॉटम के किरदार में हैं, जो अपनी टीम के साथ इस प्लान को अंजाम देता है. फिल्म में लारा दत्ता, वाणी कपूर, हुमा कुरैशी और आदिल हुसैन जैसे टैलेंटेड एक्टर्स भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं.
2 घंटे 5 मिनट की इस फिल्म की शुरुआत वर्तमान से होती है, जहां हमें 32 वर्षीय अंशुल मल्होत्रा (अक्षय कुमार), से रूबरू करवाया जाता है, जो कि एक स्टार रॉ अंडरकवर एजेंट होता है. उसका कोड नेम 'बेलबॉटम' होता है. ऐसे में एक भारतीय विमान का पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा अपहरण करने के बाद प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी (लारा दत्ता) उसे बुलाने का फैसला करती है. दरअसल, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी पांच सालों में इस तरह की सातवीं घटना से निराश हो गयी होती हैं और आगे अपहरण को रोकने और चार घातक अपहर्ताओं के साथ इस विमान में सवार 210 बंधकों की जान बचाने के लिए दृढ़ संकल्पित होती हैं.
('बेलबॉटम' के बाद जैकी भगनानी और पूजा एंटरटेनमेंट के साथ एक नई फिल्म में काम करेंगे अक्षय कुमार)
अंशुल मल्होत्रा उर्फ़ बेलबॉटम, एक तेज दिमाग वाला विवाहित व्यक्ति है, जो अपने आम जीवन में एक राष्ट्रीय स्तर का शतरंज खिलाड़ी होने के साथ, हिंदी, अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन पढ़ और लिखने में भी माहिर होता है. एक तरह से वह किसी भी आम आदमी से कहीं ज्यादा होता है. बेलबॉटम की शारीरिक शक्ति उसकी बुद्धि जितनी अच्छी नहीं है लेकिन वह मिशन के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति होता है. ऐसे में घातक अपहर्ताओं से दो-चार होने और 210 बंधकों की जान बचाने के लिए वह बिना समय गवाएं अपने गुप्त अभियान की योजना बनाने में लग जाता है.
जब बात देश की आती है, तब बेलबॉटम अपनी प्यारी पत्नी (वाणी कपूर) से भी झूठ बोलने से पीछे नहीं हटता है. फिल्म में बेलबॉटम के निजी जीवन में घटी एक घटना के बारे में भी बताया जाता है, जिसमें उसने दो साल पहले एक विमान अपहरण में अपनी मां को खो दिया होता है. जबकि अन्य सभी यात्री सुरक्षित रूप से घर लौट आते हैं, लेकिन बेलबॉटम की मां अपहरण से बचकर नहीं आ पाती. ऐसे में बदला लेने के लिए, बेलबॉटम दूतावास में एक क्लेरिकल डेस्क जॉब करता है और सालों के अपहरण के पैटर्न पर शोध करना शुरू कर देता है.
वर्तमान समय में, बेलबॉटम अपनी टीम के साथ एक नहीं बल्कि दो प्लान्स को ध्यान में रखकर लोगों को बचाने के लिए तैयार होता है. दुबई के सहायता समूह की सदस्य (हुमा कुरैशी) बाद में एक आईएसआई एजेंट के रूप में फिल्म में नजर आती हैं, जिसकी कोशिश रहती है कि वह बेलबॉटम के मिशन को खराब कर दे. हालांकि, ऐसा नहीं होता है और बेलबॉटम न केवल अपनी शारीरिक कमजोरी पर काबू पाता है बल्कि पूरी ताकत से मुकाबला भी करता है. फिल्म में इस तरह से रोमांचकारी और मनोरंजक घटनाओं की एक श्रृंखला है जो सभी का खूब एंटरटेनमेंट करने वाली है. अब, फिल्म में आगे क्या होता है और बेलबॉटम सभी बंधकों को छुड़ा पता है कि नहीं, उसके लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी.
बेलबॉटम एक शानदार फिल्म है. यह कहना गलत नहीं होगा कि इस तरह की लार्जर-दैन-लाइफ एक्शन और धमाकेदार कहानी थिएट्रिकल रिलीज की सही हकदार है. असल जीवन की घटनाओं पर आधारित होने के बावजूद, बेलबॉटम में जरुरी बॉलीवुड कमर्शियल फिल्म के सभी गुण हैं.
बात करें परफॉरमेंस की तो, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में लारा दत्ता ने अपनी एक अलग छाप छोड़ी है. फिल्म में वह विश्वसनीय रूप से अच्छी हैं. उन्होंने अपनी भूमिका को इतनी अच्छी तरह से निभाया है कि उन्हें पहचानना नामुमकिन सा लगता है. अक्षय कुमार ने अपनी परफॉरमेंस से इम्प्रेस किया है, जो वह हमेशा करते हैं. फिल्म में बड़ी आसानी से उन्होंने 32 वर्षीय रॉ एजेंट की तरह दिखने, चलने और बात कर फिल्म को अपनी कंधों पर संभाला है. अपने बेल-बॉटम्स और रेट्रो लुक से अक्षय ने स्क्रीन पर सभी को अपना दीवाना बनाया है. फिल्म में चाहे उनकी एक्टिंग स्किल हो, बॉडी लैंग्वेज हो या डायलॉग डिलीवरी हो, हर तरह से उन्होंने एक बेहतरीन परफॉरमेंस दिया है. हालांकि,फिल्म में वाणी कपूर के पास अक्षय की ऑन-स्क्रीन पत्नी होने के अलावा बहुत कुछ करने के लिए नहीं है, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है. दूसरी तरफ हुमा कुरैशी अपने सीमित सीन्स के साथ स्क्रीन पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराती दिखाई दे रही हैं. वहीं, आदिल हुसैन ने अपने मार्गदर्शन और समर्थन से फिल्म को और भी बेहतर बना दिया है.
बेलबॉटम के मेकर्स ने दर्शकों के लिए कुछ नया लाया है. वहीं, डायरेक्टर रंजीत एम तिवारी का स्क्रीनप्ले पूरी तरह से एक ऐसी कहानी पेश करता है, जो प्रेरक होने के साथ पूरी तरह से आकर्षक है. असीम अरोड़ा और परवेज शेख की राइटिंग दमदार और जोड़कर रखने वाली है. डेनियल बी. जॉर्ज का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की जान है. अमाल मलिक, तनिष्क बागची, शांतनु दत्ता, कुलवंत सिंह भामरा, गुरनाजर सिंह और मनिंदर बुट्टर का संगीत बेलबॉटम का सबसे अच्छा हिस्सा है क्योंकि सभी गाने अच्छी तरह से फिट बैठते हैं. सिनेमैटोग्राफर राजीव रवि ने अच्छा काम किया है. जबकि चंदन अरोड़ा द्वारा की गयी एडिटिंग बेहद अच्छी है.
तो देरी किस बात की, अक्षय कुमार को पहले कभी न देखे गए अवतार में देखने के लिए देखिये धमकदार फिल्म 'बेलबॉटम'.
PeepingMoon बेलबॉटम को 4 मून्स देता है!