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Movie Review: नए जमाने के लवर्स की कहानी है ये 'लैला मजनू'

इम्तियाज अली के भाई साजिद अली के निर्देशन में बनी पहली ही फिल्म 'बनाना' अब तक रिलीज नहीं हो सकी. जॉन अब्राहम की प्रोडक्शन कंपनी के बैनरतले इस फिल्म के साथ ऐसे कुछ विवाद जुड़े कि यह फिल्म अब तक सिनेमा के पर्दे पर नहीं पहुंच सकी. अब साजिद ने कश्मीर के बैकग्राउंड पर आधारित फिल्म 'लैला मजनू' का निर्माण किया है. इम्तियाज ने भाई को एकता कपूर के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्देशन की कमान सौंपी.

फ‍िल्‍म की कहानी
यह फिल्म कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी दो ऐसे दुश्मन परिवार की कहानी है जिनके बच्चे एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं. फिल्म में कैस भट्ट (अविनाश तिवारी) को लैला (तृप्ति डिमरी) से पहली नजर में ही प्यार हो जाता है और वह उसका दीवाना हो जाता है. इसके बाद वह हर तरफ लैला का पीछा करता है. इस दौरान फिल्म में आज के जमाने में जिस तरह से प्रेमी-प्रेमिका अपने रिश्ते को निभाते हैं उसे दिखाया गया है. अपने प्यार में कैस भट्ट दीवाना देख लैला समय काटने के लिए उससे प्यार करने लगती है. लेकिन जब दोनों के परिवार वालों को कैस भट और लैला के रिश्ते के बारे में पता चलता है तो इस प्रेमी जोड़े को अलग होना पड़ जाता है और लैला का निकाह इब्बन (सुमित कौल) से हो जाता है. इसके बाद फिल्म में नया मोड़ आता है.

जानिए आखिर फिल्म को क्यों देख सकते हैं
कश्मीर एक ऐसी जगह है जहां पर आप कहीं भी कैमरा रख दीजिए आपको एक अच्छा प्रेम दिखाई देता है. यही कारण है कि फिल्म की लोकेशन बहुत ही उम्दा है. साथ ही जिस तरह से फिल्म का आगाज और इसे अंजाम मिला है वह भी दिलचस्प है. अविनाश तिवारी का काम काफी बढ़िया है. मजनू के किरदार को निभाने के लिए जो परिश्रम किया है वह पर्दे पर दिखाई देता है. इसका फायदा अविनाश को आने वाली फिल्मों में भी मिलेगा. तृप्ति डिमरी ने सहज अभिनय किया है. कश्मीर मूल के रहने वाले अभिनेता मीर सरवर का काम काफी दिलचस्प है. लेकिन सुमित कौल ने बहुत ही जबरदस्त अभिनयकिया है. इस फिल्म के आखिरी 30 मिनट बहुत ही बढ़िया हैं. मूवी में इम्तियाज का फ्लेवर नजर आता है. एक तरह से कह सकते हैं कि 90 के दशक का प्यार आपको फिल्म देखने के दौरान नजर आएगा.

स्टारकास्ट
अविनाश तिवारी, तृप्ति डिमरी, परमीत सेठी, सुमित कौल, मीर सरवर

स्‍टार्स
2.5

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