डायरेक्टर जेपी दत्ता इससे पहले 'बॉर्डर' और 'एलओसी करगिल' जैसी युद्ध आधारित देशभक्ति वाली फिल्में बना चुके हैं. इन फिल्मों का फ्लेवर देशभक्ति था. जे पी दत्ता की पलटन 1967 के उसी नाथू ला हमले की दास्तां को बया करती है. इस बार भारतीय सेना सिक्किम को बचाने के लिए चीनी सेना से भिड़ जाती है.
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी 1962 के चीन के द्वारा नाथुला पासिंग पर हमला करने से शुरू होती है. जिसकी वजह से हमारे 1383 जवान शहीद हुए. हजारों घायल और लापता भी हुए थे. जिसके बाद बॉर्डर पर सगत सिंह (जैकी श्रॉफ) के कहने पर लेफ्टिनेंट कर्नल राय (अर्जुन रामपाल) के अंडर में मेजर हरभजन सिंह (हर्षवर्धन राणे), लेफ्टिनेंट अत्तर (लव सिंहा), कैप्टन पृथ्वी डागर (गुरमीत चौधरी), मेजर बिशन सिंह (सोनू सूद) और हवलदार पराशर (सिद्धांत कपूर) सीमा की सुरक्षा करने में लग जाते हैं. नाथुला पोस्ट की सुरक्षा का काम बिशन को दिया जाता है. चीनी सेना से बार-बार छोटी मोटी लड़ाई होती रहती है. बाद में फेंसिंग बनाने के कारण बात बढ़ने लगती है. इसी बीच कहानी फ्लैशबैक और प्रेजेंट में चलती रहती है. जिसकी वजह से सभी अपने अपने परिवार को याद करते हैं. जंग छिड़ती है और अंतत: एक रिजल्ट सामने आता है, जिसे जानने के लिये आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
जानिए आखिर फिल्म को क्यों देख सकते हैं
अर्जुन रामपाल, सोनू सूद, गुरमीत चौधरी, हर्षवर्धन राण, जैकी श्राफ का काम बढ़िया है. वहीं लव सिन्हा और बाकी किरदारों का काम सहज है. सोनू निगम का गाया हुआ गीत इमोशन भरता है. कहीं-कहीं आंखें नम भी हो जाती हैं. फिल्म की शूटिंग रियल लोकेशन पर हुई है और सेना के हथियारों और यूनिफॉर्म को देखकर ऐसा लगता है कि यह 1965 के समय की कहानी है. जेपी दत्ता ने ही इस फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले लिखा है. फिल्म में अच्छा ऐक्शन दिखाया गया है और फिल्म के अंत में जेपी दत्ता अपने सभी मसालों के साथ भारतीय सेना की जीत दिखाने में कामयाब होते हैं.
बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट लगभग 25 करोड़ बताया जा रहा है. जी स्टूडियोज के बैकअप के साथ यह फिल्म रिलीज की गई है.
स्टार
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