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Movie Review: 'मंटो' की लाइफ को बेखूबी द‍िखाती है नवाजुद्दीन की यह फ‍िल्‍म

मंटो के जीवन और लेखन को बड़े पर्दे पर लेकर आई हैं अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास. 'मंटो' फ‍िल्म में मंटो का किरदार निभाया है अपनी पीढ़ी के सबसे अच्छे अभिनेताओं में शुमार किये जाने वाले कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने. जो लोग लेखक सआदत हसन मंटो से परिचित नहीं हैं, उनका नंदिता दास की फिल्म 'मंटो' काफी झन्नाटेदार परिचय कराती है.

फ‍िल्‍म की कहानी-
1946 के बॉम्बे से शुरू होती है जहां उर्दू शायर और राइटर सआदत अली मंटो (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) अपनी पत्नी सफिया (रसिका दुग्गल) और बेटी निघि के साथ रहता है. मंटो की कभी उसकी फिल्म के प्रोड्यूसर (ऋषि कपूर) से जिरह हो जाती है तो कभी फिल्म इंडस्ट्री के दोस्तों के साथ अनबन हो जाया करती है. इतना ही नहीं राइटर ग्रुप के दोस्तों जैसे इस्मत चुगताई (राजश्री देशपांडे) से भी इनका अंदाज जुदा रहता है. इस्मत और मंटो के ऊपर लेखन के माध्यम से लाहौर में अश्लीलता फैलाने का केस चल रहा होता है, उसी दौरान भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो जाता है, जिसकी वजह से बॉम्बे (अब मुंबई) को बेइंतेहा प्यार करने वाले मंटो को अपने दोस्त और सुपरस्टार श्याम (ताहिर राज भसीन) से बिछड़ करके पाकिस्तान जाना पड़ता है. पाकिस्तान में भी मंटो को अपने लिखे गए ठंडा गोश्त कहानी के लिए केस झेलना पड़ता है.

क्‍या है फ‍िल्‍म में खास, जो देखने पर करेगा मजबूर-
फ‍िल्‍म में कहानी दर्शने का ढंग बहुत शानदार है. एक्ट्रेस और फिल्ममेकर नंदिता दास ने मंटो की ज‍िंदगी में रियल और काल्पनिक समाज के बीच की इसी पृथकता को फिल्मी परदे पर बेहद दिलचस्प और दिल को छू जाने वाले अंदाज में उतारा है. भारत-पाक विभाजन से लेकर पुरुष प्रधान समाज वाली मानसिकता से लेकर धार्मिक असिहष्णुता, बॉम्बे के लिए प्यार जैसे कई वाकयों को दिलचस्प अंदाज़ में दर्शकों के लिए परोसा है. अभिनय के लिहाज से नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मंटो का किरदार बेहतरीन ढंग से निभाया है. साफ‍िया के क‍िरदार में रसिका दुग्गल ने मंटो की पत्नी के रूप में बहुत बढ़िया काम किया है, इसके अलावा ताहिर राज भसीन ने सहज अभिनय किया है. फिल्म में मंटो की कहानियों को किरदारों के माध्यम से भी दिखाया गया है जिसमें दिव्या दत्ता, रणवीर शोरी, ऋषि कपूर, जावेद अख्तर, नीरज कबि जैसे अभिनेता दिखाई देते हैं. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बढ़िया है. कार्तिक विजय की सिनेमटॉग्रफी और रीता घोष के प्रॉडक्शन डिजाइन से आजादी से पहले और उसके बाद का एक पर्फेक्ट सीन उभरकर सामने आता है. देखकर लगता है जैसे  फिल्म उसी दौर में जाकर शूट की गई हो.

कास्ट-
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ,रसिका दुग्गल, ताहिर राज भसीन, ऋषि कपूर, दिव्या दत्ता, रणवीर शौरी, नीरज कबि, जावेद अख्तर

मून-
3.5

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