फिल्म: सूर्यवंशी
कास्ट: अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, अजय देवगन, रणवीर सिंह, जावेद जाफरी, कुमुद मिश्रा, जैकी श्रॉफ, निकितिन धीर, गुलशन ग्रोवर, विवान भटेना, आशीष वारंग, उमाकांत पाटिल
प्रोड्यूसर: धर्मा प्रोडक्शंस, केप ऑफ गुड फिल्म, रोहित शेट्टी पिक्चर्स और रिलायंस एंटरटेनमेंट
डायरेक्टर: रोहित शेट्टी
डिस्ट्रीब्यूटर: पीवीआर पिक्चर्स और रिलायंस एंटरटेनमेंट
रेटिंग: 4 मून्स
रोहित शेट्टी की मच अवेटेड कॉप ड्रामा 'सूर्यवंशी' आखिरकार दर्शकों द्वारा किये जाने वाले लम्बे इंतजार के बाद दुनिया भर के सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक दे चुकी है. यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म किसी जोरदार धमाके की तरह है. अपने एक्शन पैक क्लाइमेक्स के साथ सभी को एक नहीं बल्कि तीन सुपरस्टार्स के साथ एंटरटेन करने के लिए तैयार इस फिल्म में हम उनको सुपरकॉप जो मुंबई के आतंकवाद विरोधी मुख्यालय में होने वाली जबरदस्त लड़ाई में कट्टर इस्लामिक जिहादियों की सेना का सामना करते देखेंगे.
कहानी थोड़ी भ्रमित करने वाली है लेकिन इसका प्लाट बहुत ही सरल है. फिल्म की कहानी सुपरकॉप बनाम आतंकी है. फिल्म में अक्षय का किरदार कर्तव्यनिष्ठ, देशभक्त पुलिसकर्मी और बेहद शांत स्वभाव वाले शख्स की है, जबकि दुश्मन कट्टर आतंकवादी हैं जिन्हें सीमा पार से मुंबई पर एक और घातक हमला करने के लिए भेजा या काम पर रखा गया है, जो पुलिस को 12 मार्च, 1993 और 26 नवंबर, 2008 को याद कराना चाहते हैं. इस जिहाद के केंद्र में सीमा पार उमर हफीज (जैकी श्रॉफ) है जो 1993 से छोड़े गए 600 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल 27 साल बाद फिर से मुंबई को दहलाने के लिए करना चाहता है.
हालांकि, दुश्मन के लिए किसी तरह का षड्यंत्र रचना आसान नहीं है, क्योंकि उनके रास्ते में कोई और नहीं बल्कि अपने काम के लिए ईमानदार एटीएस प्रमुख वीर सूर्यवंशी (अक्षय कुमार) अपनी टीम के साथ खड़ा है. कबीर श्रॉफ (गंभीर भूमिका में जावेद जाफ़री) की देखरेख में इस टीम में विवान, भिड़े और तांबे (विवान भटेना, उमाकांत पाटिल और आशीष वारंग) जैसे सख्त पुलिस वाले हैं. यह सभी शूटआउट करने से लेकर निहत्थे दुश्मनों का मुकाबला करने में बेहद शानदार होते हैं, जो की अक्सर हमें बॉलीवुड की कॉप एक्शन ड्रामा फिल्मों में देखने मिलता है.
बदमाशों के कई अलग-अलग चेहरे हैं, और इस तरह से कुछ समय बाद यह याद रखना मुश्किल हो जाता है कि कौन आईएसआई एजेंट है और कौन आतंकवादी स्लीप सेल का सदस्य हैं जो मुंबई में डी-डे होने का इंतजार कर रहा है. 1993 के सिलसिलेवार धमाकों में सूर्यवंशी अपने माता-पिता को खो दिया होता है और वह एक बार फिर से वह इस चीज को होने नहीं देना चाहता है. ऐसे में फिल्म में हम अक्षय को बैंकॉक की सड़को पर बाइक से दुश्मनों का पीछा करने से लेकर, समुद्र के ऊपर एक हेलिकॉप्टर और वाटर स्कूटर पर सवार होकर बदमाशों को दबोचते हुए देखते हैं.
फिल्म का लास्ट क्वार्टर बेहद एंटरटेनिंग है, जिसमें सूर्यवंशी रोहित शेट्टी के पहले के सुपरकॉप्स बाजीराव सिंघम (अजय देवगन) और भालेराव सिम्बा (रणवीर सिंह) के साथ मिलकर दुश्मनों की गोलियों का जवाब देते हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि पूरी फिल्म में यह वह हिस्सा है जिसका दर्शक इंतजार करेंगे और उसे देख खुद को सीटी बजाने से नहीं रोक पाएंगे. गोलियों की बौछार के बीच आप तीनों सुपरस्टार्स के बीच मजाकिया और एंटरटेन करने वाले डॉयलोग के साथ कॉमेडी का तड़का लगाते हुए देखेंगे. हालांकि, जब गोलियां खत्म हो जाती हैं तो तीनों आमने-सामने हो जाते हैं और फिर एक्शन देखने के काबिल होता है.
फिल्म में हर किसी ने अपनी भूमिका बेहद अच्छी तरह से निभाई है और आप देख सकते हैं कि उन्होंने फिल्म के मेकिंग के समय कितनी मस्ती की है. फिल्म में रिया सोर्यवंशी (एक डॉक्टर के रूप में कैटरीना कैफ, एटीएस प्रमुख की लंबे समय से पीड़ित पत्नी की भूमिका निभा रही हैं) भी हैं. एक्ट्रेस ने अक्षय के साथ फिल्म में टिप टिप बरसा पानी गाने के बेहद आकर्षक रीमेक के जरिये सभी को अपना दीवाना बनाया है. इसके साथ ही अपने हर एक सीन में कैटरीना ने कुछ अच्छे डॉयलोग डिलीवर किये हैं. और हां! हर बार की तरह इस बार भी आप रोहित शेट्टी को अपनी फिल्म में कारों और पुलिस वैन को उड़ाते हुए देखेंगे. तो देरी किस बात की, आज ही करिए अपने नजदीकी सिनेमाघर का रुख और करें इसे दिवाली के मौके पर एन्जॉय.