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Movie Review: सस्पेंस से भरपूर है आयुष्मान-राधिका की 'अंधाधुन'

फिल्म 'अंधाधुन' की कहानी कुछ हटके है. 'दृश्यम' फिल्म से आकर्षिक करने वाले डायेक्टर श्रीराम राघवन ने आयुष्मान खुराना और तब्बू के जरिए एक या दो बार नहीं बल्कि बार-बार चौंकाया है. आयुष्मान खुराना, राधिका आप्टे और तब्बू की फिल्म अंधाधुन को श्रीराम राघवन ने डॉयरेक्ट किया है. अंधाधुन अच्छी थ्रिलर और सस्पेंस से भरपूर फिल्म है. फिल्म के ज्यादातर गाने अमित त्रिवेदी ने गाये है, जो फिल्म के साथ ही चलते है.

फ‍िल्‍म की कहानी
फिल्म की कहानी पुणे में मौजूद अंधे शख्स आकाश (आयुष्मान खुराना) के साथ शुरू होती है, जो एक कमरे के भीतर पियानो पर अपने अंगुलियों के जरिए धुन की तलाश करता है. काले चश्मे के पीछे पियानो बजाने में माहिर आकाश की मुलाकात अचानक सोफी (राधिका आप्टे) से हो जाती है. सोफी उसे अपने पापा के रेस्टॉरेंट मे काम दिला देती है. इसके बाद दोनों एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं, लेकिन इसी दौरान अचानक एक पुराने जमाने के मशहूर एक्टर प्रमोद सिन्हा (अनिल धवन) से टकरा जाते है. वह अपनी पत्नी सिमी (तब्बू) को एनिवर्सिरी पर पियानो प्ले करके सरप्राइज देने के लिए आकाश को घर बुलाते हैं. यहां कुछ ऐसा ट्विस्ट एड टर्न आता है कि पूरी कहानी पलट जाती है.

यह बातें आपको फ‍िल्‍म देखने पर कर देंगी मजबूर
आयुष्मान खुराना हमेशा की तरह इस फिल्म मे भी खुद को प्रूव किया है. वहीं तब्बू ने 'दृश्यम' फिल्म की तरह 'अंधाधुन' में भी शानदार किरदार निभाया. सस्पेंस, ट्विस्ट एंड टर्न और कॉमेडी का डोज पसद करते है तो पूरा पैकेज आपको इंटरटेन करेगा. शुरू से अंत तक इस पूरी फिल्म में आयुष्मान खुराना की दमदार एक्टिंग देखने को मिलती है। एक अंधे आदमी के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है. वहीं तब्बू ने ये एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनके जैसा कोई नहीं है. राधिका आप्टे की एक्टिंग भी शानदार है.

कास्‍ट
तब्बू, आयुष्मान खुराना, राधिका आप्टे, मानव विज

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