फिल्म: सत्यमेव जयते 2
कास्ट: जॉन अब्राहम, दिव्या खोसला कुमार, गौतमी कपूर, अनूप सोनी, हर्ष छाया, दीप जोशी, पलक सिंह, नोरा फतेही, जस मानक
प्रोड्यूसर: टी सीरीज फिल्म्स, एम्मे एंटरटेनमेंट
डायरेक्टर: मिलाप जावेरिक
डिस्ट्रीब्यूटर: एए फिल्म्स
रेटिंग: 4 मून्स
मिलाप जावेरी द्वारा डायरेक्ट की गयी एक्शन फिल्म 'सत्यमेव जयते 2' को देखने के एक नहीं बल्कि तीन कारण हैं. तो आपको बता दें कि वो और कुछ नहीं बल्कि जॉन अब्राहम का ट्रिपल डोज है. एक्टर ने अपने फैंस और फिल्म को एन्जॉय करने वाले फ्रंटबेंचर्स के लिए उनकी पसंद की जबरदस्त एक्शन वाली फिल्म लाइ है, जिसे कमजोर दिल वाले नहीं देख सकते हैं.
सत्यमेव जयते 2 को आप उसी उत्साह के साथ देखें, जिस तरह से आप जेम्स बॉन्ड फिल्मों, मिशन इम्पॉसिबल जासूसी थ्रिलर और जेसन बॉर्न सीरीज देखा करते हैं. जब आप दुबई में बुर्ज खलीफा पर टॉम क्रूज को चलते हुए देखने को लुभावने रूप से स्वीकार कर सकते हैं, तो जॉन अब्राहम को बाइक सवार समेत बाइक उठाते हुए क्यों नहीं. जॉन ने फिल्म में ट्रिपल रोल निभाया है. एक पिता और उसके दो जुड़वां बेटे. इस तरह से जॉन को आप हर तरफ यानी हर फ्रेम में देख पाएंगे.
फिल्म की कहानी वाराणसी के रहने वाले एक ईमानदार, भगवान से डरने वाले, और देश से प्यार करने वाले किसान विजय सिंह आजाद (जॉन) और उनकी पत्नी प्राची (गौतमी कपूर) की होती है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे होते हैं. वह हमेशा अपने जुड़वां बच्चों सत्य मान आज़ाद और जय चंद आज़ाद (जॉन और जॉन) को सभी बुरे और भष्टाचार के खिलाफ एक साथ निडर होने की शिक्षा देते हैं. तब वह जीत पाएंगे. हालांकि, गरीब किसान कुछ बुरे लोगों द्वारा मारा जाता है और उसकी पत्नी कोमा में चली जाती है. हालांकि, लगभग दो दशक बाद नाटकीय रूप से वह होश में आती है.
दोनों बच्चे बड़े होते हैं, एक जहां गृह मंत्री बनता है तो दूसरा पुलिस अधिकारी. सत्या मंत्रीजी हैं (चश्मा पहने हुए, जो सिर्फ एक तरीका है जिससे आप उन्हें अलग बता सकते हैं) अकेला एक शख्स होता है, जो विधानसभा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक विधेयक पारित करने की कोशिश करता है, लेकिन उसका विरोध उसकी पत्नी विद्या (दिव्य कुमार खोसला) भी करती है, जो एक विपक्षी विधायक हैं और मुख्यमंत्री की बेटी भी होती. वहीं, जॉन का दूसरा पुलिस वाला किरदार एक मिनट छोटा होता है, और स्वाभाव से वह मजाकिया और शरारती होता है, जो सिस्टम को साफ़ करने में अपना योगदान देता है. वह यह सब काम अपनी वर्दी में करता है. वह खाकी को अमर अकबर एंथोनी स्टाइल में उतार कर छेड़खानी करने वालों को सबक सिखाता है. जबकि मंत्रीजी रात में उन सभी चीजों को ठीक करने वाला हुडी पहना हुआ सतर्क शख्स होता है, जो दिन के समय ऑफिस में सही नहीं हो पाती हैं. इस तरह से दोनों भाई खलनायकों और अपने पिता के हत्यारे को भी अंत में सबक सिखाते हैं.
सत्यमेव जयते 2 फर्स्ट हाफ शानदार है. जिसे हम तीन मूंस देते हैं. हालांकि, उसका सेकेंड हाफ थोड़ा अजीब है. यह गलत नहीं होगा की यह एक बदला लेने का संदेश है. लेकिन दूसरी तरफ फिल्म मज़ेदार भी है, जिसकी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग डिलीवरी हंसने वाला है.
बात करें परफॉरमेंस की तो, जॉन ने एक किसान, पुलिस और मंत्रीजी के रूप में तीन अलग-अलग किरदारों को बेहद खूबसूरती से निभाया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने अपने तीनों अवतारों के साथ न्याय करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. फिल्म में कुसु कुसु डांस नंबर के साथ नोरा फतेही ने अपना जादू बिखेरा है और जस मानक को तेनु लहंगा में खुद परफॉर्म करते हुए देखा जा सकता है. अगर आप जॉन अब्राहम के फैन हैं तो सत्यमेव जयते 2 जरूर देखें.