अभिषेक कपूर की फ़िल्म 'केदारनाथ' में जातीय और सामाजिक भेदभाव की सीमाओं को तोड़ने वाली प्रेम कहानी है. अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान इस फिल्म से डेब्यू कर रही हैं. उत्तराखंड के केदारनाथ की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में त्रासदी का भयानक रूप दिखेगा तो इसी त्रासदी के बीच पैदा हुई एक प्रेम कहानी को दर्शकों तक पहुंचाने की कोशिश निर्देशक अभिषेक कपूर ने की है.
कहानी
केदारनाथ कहानी है एक पुजारी की बेटी मंदाकिनी (सारा अली खान) की, जिसे एक मुसलमान पिट्ठू मंसूर (सुशांत सिंह राजपूत) से प्यार हो जाता है. सुशांत और सारा दोनों केदारनाथ के आसपास के ही रहने वाले हैं. दोनों मिलते हैं एक दूसरे से प्यार कर बैठते हैं. दोनों के इस प्यार का पता परिवारों को चल जाता है और वो इन दोनों के मिलने पर पाबंदी लगा देते हैं.
जानिए आखिर फिल्म को क्यों देख सकते हैं
फ़िल्म केदारनाथ के खूबसूरत नज़ारे से शुरू होती है, सुशांत का किरदार शंकरा गाने के साथ आगे बढ़ता है. इस फिल्म की लोकेशन्स इस फ़िल्म की अट्रैक्शन रहेंगी. सारा और सुशांत की एक्टिंग कमाल की है. सारा के किरदार का इंट्रोडक्शन एक झगड़े के सीन से होता है. शुरुआती सीन में वो बहुत सहज लग रही हैं. हिमालय की वादियों में डायरेक्टर अभिषेक कपूर ने एक लव स्टोरी बुनी है. ग्राफिक्स लेकर स्पेशल इफेक्ट्स के जरिए अच्छा पेश करने की कोशिश की गई है. ड्रोन कैमरा उड़ाकर हिमालय की वादियों की खूबसूरती को परदे पर उतारा है. धार्मिक पर्यटन स्थलों पर उमड़ती भीड़, उनको सेवा देने के लिए बनने वाले होटल और इमारतें और साथ में कुदरत पर बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर का दबाव. नए जमाने के दर्शकों के लिए ये एक बेहतरीन विषय हो सकता था.
कमजोर कड़ियां
फिल्म की कमजोर कड़ी उसका म्यूजिक है. अरिजीत सिंह के दोनों गाने काफिराना और जां निसार औसत से ऊपर नहीं जाते. इसके साथ ही कहीं किसी गाने में कुमाउंनी या गढ़वाली टच नहीं दिखता.
बजट
फिल्म के बजट की अगर बात करें तो ये 35 करोड़ के आसपास बताया जा रहा है.
कास्ट
सुशांत सिंह राजपूत, सारा अली खान, नीतीश भारद्वाज
मून
3.5