फिल्म: फायरब्रांड
स्टारकास्ट: उषा जाधव, सचिन खेडेकर, गिरीश कुलकर्णी, राजेश्वरी सचदेव
रेटिंग: 3
प्रियंका चोपड़ा के बैनर पर्पल पेबल पिक्चर्स के तले बनी और अरुणा राजे द्वारा निर्देशित फायरब्रांड महिला केन्द्रित मुद्दों पर आधारित है. इसमें नेशनल अवार्ड विनर उषा जाधव ने सुनंदा नाम की वकील का किरदार निभाया है जो कि एक निर्भीक महिला है.उसका बचपन बेहद मुश्किलों में गुजरा लेकिन उसने उसे अलग रखते हुए उन लोगों को न्याय दिलाने की ठानी जो कि अपनी लाइफ में परेशान हैं जिनके साथ या तो किसी ने दुर्व्यवहार किया है, शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है या फिर किसी ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया है.
वह उन सबको न्याय दिलवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाती है लेकिन एक गम उसे अंदर से खाता रहता है और वो ही कि वह जब स्कूल में थी तो उसका किसी ने रेप किया था.फायरब्रांड में उषा ने जिस शिद्दत से सुनंदा का किरदार निभाया है वो काबिले तारीफ है.वह फिल्म में अपने किरदार से एक सेकंड भी भटकती नहीं दिखाई देती हैं और साथ ही सुनंदा की इमोशनल जद्दोजहद को बखूबी परदे पर उतारती चली जाती हैं.
वह फिल्म में पीड़िता भी है, सर्वाइवर भी है और दूसरों को बचाने वाली भी हैं.उषा के पति का किरदार गिरीश कुलकर्णी ने निभाया है जो कि उषा के ट्रामा को बखूबी समझ सकते हैं.वह अपनी वाइफ के प्रति बेहद सपोर्टिव हैं जो कि अब साथ घटी बुरी घटनाओं को भुला नहीं पाई है.गिरीश सेंट्रल कैरेक्टर में तो नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद वह अपने किरदार की सीमाओं में रहकर भी बेहतरीन काम कर जाते हैं.राजेश्वरी सचदेव भी उषा के किरदार में नयी जान भरती हैं.सचिन खेड़ेकर के साथ हुआ तलाक भी उषा की जिंदगी का हिस्सा बन जाता है.
राजेश्वरी ने एक पूर्व मॉडल का किरदार निभाया है जो कि गुस्सैल रवैय्ये की है.उसकी शादी खेड़ेकर से होती है जो कि वुमेनाइजर माना जाता है.फायर ब्रांड 22 फरवरी से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.यह फिल्म कोई फेमिनिस्ट फिल्म नहीं जिसमें केवल मर्दों को ही बुरा बनाकर उनकी आलोचना की जाती है.यह उन फिल्मों में से है जो यह बताती है कि महिलाएं इतनी सशक्त होती हैं कि तमाम मुश्किलों के बावजूद वह अपनी खुद की परेशानियों का ढूंढ निकाल लेती हैं.कुल मिलाकर कहा जाए तो फायरब्रांड सशक्त महिलाओं की कहानी है जो कि निर्भीक, निडर और आगे रहने वाली हैं.