एक बेहतरीन थ्रिलर, एक दमदार कहानी और दो उम्दा कलाकार. फिल्म 'बदला' में आपको वो सब मिलेगा जो आप एक अव्वल किस्म की मसाला-सस्पेंस फिल्म में देखना चाहते हैं. अमिताभ बच्चन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ उनका एक्सपीरियंस, काबलियत और अपने किरदार के साथ एक्सपेरिमेंट करने का जज़्बा किस कदर ग्रूम हो रहा है.
'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' में भले ही बच्चन साहब मात खा गए हों, लेकिन 'बदला' से उन्होंने जता दिया है कि उनका टाइम इतनी जल्दी नहीं जाने वाला. अपने सीरियस लुक्स और संजीदगी से बोले गए हर डायलॉग से उन्होंने एक बार फिर ऑडियंस पर जादू कर दिया है. उनके अलावा तापसी पन्नू भी फिल्म में बराबर की तारीफ़ की हकदार हैं. फिल्म 'पिंक' के बाद यह दूसरी बार है जब अमिताभ और तापसी एक साथ परदे पर नज़र आये हैं. लेकिन एक्टिंग के मामले में तापसी ने अमिताभ को बराबर की टक्कर दी है. फिल्म को प्रोड्यूस किया है शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस 'रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट' ने. निर्देशन का भार संभाला है सुजॉय घोष ने. सुजॉय फिल्म 'कहानी' से काफी लाइमलाइट में आये थे जब उन्होंने हिंदी सिनेमा में थ्रिलर फिल्मों का एक नया चेहरा पेश किया था.
फिल्म की कहानी:
फिल्म एक मर्डर मिस्ट्री पर आधारित है, जिसमें नैना सेठी (तापसी पन्नू) के बॉयफ्रेंड अर्जुन का मर्डर हो जाता है, और खून का इल्ज़ाम भी नैना के ऊपर ही लगता है. मिस्ट्री को सुलझाने के लिए बतौर वकील की एंट्री होती हैं बादल गुप्ता (अमिताभ बच्चन) की. यह वकील अपने 40 साल के करियर में एक भी केस नहीं हारा है. फिल्म का अंत क्या है, यह सस्पेंस आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा. फिल्म की कहानी स्पेनिश फिल्म 'कॉन्ट्राटिएंपो" (द इंविजिबल गेस्ट) पर आधारित है.
फिल्म क्यों देखें?
-फिल्म की कहानी काफी मजबूत है और दर्शकों को बिलकुल भी बोर नहीं करती. आखिर तक थ्रिल बरकरार रहता है और पूरी कहानी जानने की उत्सुकता भी बनी रहती है.
-अमिताभ और तापसी ने एक बार फिर अपना एक्टिंग का हुनर साबित किया है.
-डायरेक्टर सुजॉय घोष ने प्लॉट को बहुत खूबसूरती से पेश किया है, जिसमें कुछ भी बनावटी या अटपटा मालूम नहीं पड़ता.
-अमिताभ बच्चन के डायलॉग्स आपको तालियां बजाने पर मजबूर कर देंगे.
-फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए बहुत शानदार एडीटिंग की गयी है.
- फिल्म के गाने भी सारी सिचुएशन्स पर सटीक बैठते हैं.
मून:
3.5