स्टारकास्ट: नवाजुद्दीन सिद्दीकी,सान्या मल्होत्रा
डायरेक्टर: रितेश बत्रा
आपके बालों को उड़ाने वाली हवा, पीछे से आ रही हजारों लोगों की आवाज़, सब चला जाएगा लेकिन आपके चेहरे की चमक इस फोटोग्राफ में हमेशा रहेगी.कुछ इस तरह रफ़ी मिलोनी को मुंबई के आईकॉनिक गेटवे ऑफ इंडिया पर फिल्म की शुरुआत में खुद की फोटोग्राफ क्लिक करवाने के लिए मनाते हैं.यह फिल्म रफ़ी यानी नवाजुद्दीन सिद्दीकी और मिलोनी यानी सान्या मल्होत्रा के इर्द गिर्द घूमती है.दोनों की दुनिया बेहद अलग है.रफ़ी स्ट्रगलिंग स्ट्रीट फोटोग्राफर है जो मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के आसपास आने वाले सैलानियों की फोटो खींचता है.
वह यूपी के छोटे से गांव से है.वहीं मिलोनी की दुनिया उससे एकदम अलग है.वह सीए टॉपर है और एक गुजरात के संपन्न परिवार से ताल्लुक रखती है.एक बार दोनों टकराते हैं जब मिलोनी अपनी फैमिली के साथ गेटवे ऑफ इंडिया पर आती है,रफ़ी उसकी तस्वीर खींचता है लेकिन मिलोनी जल्दबाजी में उसे पैसे नहीं दे पाती.कहानी तब आगे बढ़ती है जब रफ़ी अपनी दादी को मिलोनी की तस्वीर भेज देता है जो शादी करने के लिए उसके पीछे पड़ी हैं और उसे कई तस्वीरें भेजती रहती हैं.
मिलोनी की तस्वीर देखते ही दादी रफ़ी को कहती हैं कि मिलोनी ही तुम्हारे जीवन का प्यार है और वह उससे मिलना चाहती हैं.वह उससे मिलने मुंबई आ जाती हैं.ऐसे में रफ़ी मिलोनी को सर्च करता है और उसकी तलाश पूरी होती है एक होर्डिंग पर जाकर जो कि मिलोनी के सीए टॉपर बनने पर लगवाया जाता है.वह मिलोनी से गुजारिश करता है कि वह उसकी दादी से उसकी मंगेतर की तरह मिल ले.
फिल्म प्यारी है लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं.इसके डायरेक्टर रितेश बत्रा हैं जो कि लंचबॉक्स जैसी फिल्म बना चुके हैं जिसमें भी नवाजुद्दीन सिद्दीकी थे.मुंबई के लिए रितेश का प्यार हर फ्रेम में नजर आता है.फिल्म में दो अनजानों के बीच कई दिल को छूने वाले पल देखने को मिलते हैं.साथ ही नवाज़ की बेहतरीन एक्टिंग और सान्या की सरलता फिल्म से बांधे रखने में सफल साबित होती है.इसके अलावा गली ब्वॉय में नजर आ चुके विजय राज ने भी इसमें छोटा सा रोल प्ले किया है.जिम सर्भ मिलोनी के टीचर बने हैं.मिलोनी की नौकरानी के रोल में गीताँजली कुलकर्णी ने भी अच्छा काम किया है.
पीपिंगमून इस फिल्म को देता है 3.5 मून