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RAW Review: जॉन अब्राहम की 'रोमियो अकबर वॉल्टर’ थ्रिलर से ज्यादा एक स्पाई ड्रामा है

फिल्म- ‘रॉ’ 'रोमियो अकबर वॉल्टर’

कास्ट- जॉन अब्राहम, जैकी श्रॉफ, मौनी रॉय, सिकंदर खेर

निर्देशक-  रॉबी ग्रेवाल

रेटिंग- 3 मून्स

बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम बड़े पर्दे पर अपनी नयी फिल्म रॉ के साथ दस्तक दे दिए हैं, इस स्पाई ड्रामा मूवी का निर्देशन रॉबी ग्रेवाल ने किया है. इस फिल्म की कहानी 70 के दशक की है, जब 1971 में भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ था, रॉबी ग्रेवाल की फिल्म ‘रॉ’ में अभिनेता जॉन अब्राहम ने एक जासूस का किरदार निभाया है, जो कि भारत में रोमियो और पाकिस्तान में अकबर बनकर जाते हैं, फिर शायद घर वॉल्टर बनकर वापसी करते हैं.

आपको बता दें कि रोमियो और अकबर के चरित्र को फिल्म में अच्छे से बताया गया है पर वाल्टर का किरदार आपको अंतिम तक सस्पेंस में रखने के लिए काफी है. रहमत अली ‘रोमियो’ एक बैंक में काम करता है, जहां से उसे रॉ द्वारा एक जासूस के तौर पर चुना जाता है, उसका चयन रॉ मुख्य श्रीकांत राय जो कि जैकी श्रॉफ हैं वो करते हैं. रोमियो की ज़िन्दगी अपनी मां के चारो तरफ घूमती है, पर उसे अपने भारत मां के लिए मां को छोड़कर जाना पड़ता है. रोमियो अब अकबर मलिक बनता है और पकिस्तान में आईएसआई को ज्वाइन करने के लिए रवाना होता है. इस पूरी कहानी में फिल्म ‘रॉ’ आपको कई ट्विस्ट और टर्न में लेकर जायेगी कि कैसे 70 के दशक में वो वहां से जानकारी भारत भेजता है.

ये जानकारी वहां से भेज पाना इतना आसान नहीं होने वाला था क्यूंकि पाकिस्तानी आर्मी ऑफिसर खुदाबक्श खान (सिकंदर खेर) काफी खतरनाक नज़र आते हैं, वो अकबर को नज़र में भी रखते हैं, इससे फिल्म की कहानी और रोमांचित होती हुई नज़र आती है, फिल्म ‘रॉ’ में ऐसे कई मोड़ आएंगे जब आपको लगेगा कि जॉन माइंड गेम अब ना खेलें और अपना एक्शन दिखा दें लेकिन स्पाई फिल्म की स्क्रिप्ट में इसकी डिमांड नहीं थी.

निर्देशक रॉबी ग्रेवाल ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट में काफी रिसर्च की है, इसी की बदौलत फिल्म का पहला हाफ आपको ये सोचने में मजबूर करेगा की आगे क्या होने वाला है, एक सवाल ये भी उठता है कि क्या इस फिल्म से आपके अन्दर देश भक्ति की भावना भी जागेगी?, तो इसका जवाब है हां, लेकिन वीर रस से भरी हुई नहीं क्यूंकि ये एक स्पाई फिल्म है और उसी तरह से ही इसे फिल्माया भी गया है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है पर कई बार लगता है कि गाने की ज़रूरत नहीं थी, सिवाय एक गाने ने जिसने असर छोड़ा है सोनू निगम का ‘वन्देमातरम’, फिल्म 2 घंटे 30 मिनट लंबी है, लेकिन ये ग्रेट फिल्म तो नहीं है.

जैकी श्रॉफ ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है, जॉन अब्राहम भी स्पाई के किरदार में अच्छे लग रहें हैं, इस स्क्रिप्ट में पूरी तरह से गम आपको मौनी राय नज़र आने वालीं हैं, सिकंदर खेर भी पाकिस्तानी ऑफिसर के तौर पर फिल्म में सरप्राइज पैकेज की तरह हैं, रघुवीर यादव ने छोटे से किरदार में भी जान डाल दी है, अनिल जॉर्ज भी अच्छे नज़र आये हैं.

 

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