फिल्म की कहानी वैसे तो हरिंदर सिक्का के उपन्यास ‘कॉलिंग सहमत’ पर आधारित है, लेकिन जिस तरह से इसका स्क्रीनप्ले और सिलसिलेवार घटनाएं लिखी गई हैं, वह काबिले-तारीफ है.
इस तरह की कहानी सुनाना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन मेघना गुलजार ने अपने सटीक डायरेक्शन और बढ़िया रिसर्च के साथ लाजवाब प्रोडक्ट पेश किया है.