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लक्षद्वीप में कोरोना की अफवाह फैलाने और आपत्तिजनक बयान के आरोप में फिल्ममेकर आयशा सुल्ताना के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा

केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में पिछले कुछ दिनों से विरोध की आवाजे उठी हुई है. लक्षद्वीप की मशहूर फिल्म डायरेक्टर व ऐक्ट्रेस आयशा सुल्तानाके ऊपर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। आयशा पर आरोप है कि कुछ दिन पहले एक मलयालम टीवी डिबेट के दौरान उन्होंने कोविड 19 को लेकर केंद्र सरकार पर झूठा आरोप लगाया था. आयशा ने कहा था, 'केंद्र सरकार लक्षद्वीप में कोरोना का प्रसार बायो-वेपन की तरह कर रही है.' लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के लिए एक्टिविस्ट और फिल्ममेकर आयशा सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. 10 जून को लक्षद्वीप पुलिस ने स्थानीय नागरिक, एक्टिविस्ट और फिल्ममेकर आयशा सुल्ताना के खिलाफ FIR दर्ज की. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल पटेल को ‘केंद्र द्वारा लक्षद्वीप के खिलाफ उपयोग किया जाने वाले बायो-वेपन’ बताया था.

आयशा के इस बयान के बाद उनके खिलाफ लक्षद्वीप इकाई के भाजपा अध्यक्ष अब्दुल खादर ने शिकायत दर्ज कराई है. लक्षदीप की कवरत्ती पुलिस ने फिल्म डायरेक्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 बी (अभद्र भाषा) के तहत मामला दर्ज किया है. लक्षदीप की राजधानी कवरत्ती पुलिस में दायर अपनी शिकायत में खादर ने कहा कि सुल्ताना ने एक मलयालम टीवी चैनल के डिबेट के दौरान केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आयशा ने केंद्र सरकार के खिलाफ झूठा आरोप लगाते हुए कहा, लक्षद्वीप में केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 का जैविक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.'
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भाजपा नेता ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि आयशा का यह बयान पूरी तरह से राष्ट्रविरोधी है, जिससे केंद्र सरकार की छवि धूमिल हो रही है. इसलिए ऐसा दोबारा न हो उसके लिए आयशा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. भाजपा नेता ने फिल्म निर्माता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए द्वीपों में विरोध प्रदर्शन किया. गौरतलब है, लक्षद्वीप स्थित मॉडल, डायरेक्टर और ऐक्ट्रेस आयशा ने कई मलयालम फिल्म निर्माताओं के साथ काम किया है. सुल्ताना लक्षद्वीप के चेटियाथ द्वीप की रहने वाली हैं.

 

वहीं आयशा सुल्ताना ने बाद में एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए इसे दोहराया भी था. उन्होंने लिखा था कि पटेल और उनकी नीतियाँ ‘बायो-वेपन’ के रूप में कार्य कर रही हैं. साथ ही उन्होंने लक्षद्वीप में कोरोना फैलने को लेकर भी पटेल व उनके मातहत अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था. आयशा सुल्ताना ने पूछा था कि वो उन्हें और क्या कहतीं? ‘लक्षद्वीप साहित्य प्रवर्तन संगम’ ने आयशा का समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें देशद्रोही बताना ठीक नहीं है, क्योंकि उन्होंने प्रशासक के ‘अमानवीय’ फैसलों के खिलाफ आवाज़ उठाई है.

(Source: Twitter)

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