कलाकार- पॉलिटिशियन कमल हासन प्रस्तावित सिनेमैटोग्राफ एक्ट 2021 के खिलाफ प्रोटेस्ट में शामिल हो गए हैं, जो केंद्र को फिल्म प्रमाणन बोर्ड को ओवरराइड करने और फिल्मों को 'दोबारा जांच' करने का अधिकार देता है. केंद्र सरकार ने हाल ही में सिनेमैटोग्राफ (अमेंडमेंट) बिल 2021 पर पब्लिक की राय मांगी थी. पब्लिक के लिए इस ड्राफ्ट को रिलीज कर 2 जुलाई तक जवाब मांगा गया है. नए ड्राफ्ट में 1952 के सिनेमैटोग्राफ एक्ट में संशोधन करने का प्रस्ताव है, जिसके बाद केंद्र सरकार के पास रिविजनरी पावर मिल जाएगी. इसके तहत सरकार को, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) की तरफ से मंजूरी पा चुकी फिल्मों को दोबारा जांच करने की शक्ति मिल जाएगी.
कमल हासन ने इस एक्ट पर रिएक्ट करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा, 'सिनेमा, मीडिया और साहित्यकार भारत के तीन प्रतिष्ठित बंदर होने का जोखिम नहीं उठा सकते. कृपया कार्य करें, स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के लिए अपनी चिंता व्यक्त करें.'
Please act, voice your concern for freedom and liberty. @MIB_India#cinematographact2021 #raiseyourvoice (2/2)
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) June 28, 2021
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक्ट में एक प्रावधान जोड़ने का प्रस्ताव किया है, जो धारा 5B(1) (फिल्मों को प्रमाणित करने में मार्गदर्शन के सिद्धांत) के उल्लंघन पर केंद्र को रिविजनरी पावर देगा. मौजूदा कानून का धारा 6, पहले से ही केंद्र को किसी फिल्म के सर्टिफिकेशन के संबंध में कार्यवाही के रिकॉर्ड की जांच की अनुमति देता है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित संशोधन ‘का मतलब है कि अगर कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो केंद्र सरकार के पास बोर्ड के फैसले को उलटने की शक्ति होगी.’
मंत्रालय ने कानून में एक और प्रावधान शामिल करने का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत सेक्शन 5B(1) के उल्लंघन, अगर केंद्र सरकार को जरूरी लगे तो वो बोर्ड के चेयरमैन को फिल्म को दोबारा जांचने का निर्देश दे सकता है.
ड्राफ्ट में उम्र के आधार पर फिल्मों को सर्टिफिकेट देने का प्रस्ताव दिया गया है. मौजूदा समय में फिल्मों को तीन कैटेगरी में बांटा जाता है- अनरिस्ट्रिक्ट पब्लिक मतलब सभी के लिए U, U/A 12 उम्र से कम बच्चों को पेरेंट्स गाइडेंस की जरूरत होगी, और एडल्ट फिल्मों के लिए A.
वहीं, नए प्रस्ताव में फिल्मों को उम्र के आधार पर बांटने को कहा गया है, जिसमें 7+ के लिए U/A, 13+ के लिए U/A और 16+ के लिए U/A सर्टिफिकेट.
ड्राफ्ट में धारा 6AA जोड़ने का प्रस्ताव है, जो अनऑथोराइज्ड रिकॉर्डिंग को प्रतिबंधित करेगा. इसका उल्लंघन करने पर जेल की सजा तक हो सकती है. नए प्रस्ताव के मुताबिक, उल्लंघन करने पर कम से कम तीन महीने की जेल हो सकती है, जो तीन साल तक भी बढ़ाई जा सकती है. वहीं, कम से कम 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जो ऑडिट ग्रॉस प्रोडक्शन कॉस्ट का 5 प्रतिशत तक हो सकता है.
केंद्र सरकार ने फिल्म सर्टिफिकेट अपीलेट ट्रिब्यूनल को खत्म कर दिया है. ये फिल्ममेकर्स के लिए सेंसर बोर्ड की तरफ से मिले सर्टिफिकेट के खिलाफ अपील करने का आखिरी जरिया था.
(Source: Twitter)