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19 साल की उम्र में जुए की लत लग गई थी विवेक दहिया को, अपनी पूरी सैलरी भी लगा देते थे दांव पर

टेलीविजन अभिनेता विवेक दहिया ने हाल ही में उस समय के बारे में राज खोला जब वह 19 साल की उम्र में एक जुआरी बन गए थे और यहां तक ​​कि अपने पूरे महीने के वेतन को भी दांव पर लगा दिया करते थे. एक सफल अभिनेता, जो एक फिटनेस उत्साही भी है, ने अपने जीवन के इस डार्क सीक्रेट को हाल ही में एक इंटरव्यू में साझा किया.

"मुझे 2006 में जुए की लत लग गई, जब मैं मुश्किल से 19 साल का था. मैंने कॉलेज के दूसरे साल में रहते हुए एक रिटेल स्टोर में पार्ट-टाइम काम करना शुरू कर दिया था. एक दिन, एक दोस्त मुझे एक कैसिनो में ले गया और इसे शुरुआत का लक कहें या कुछ और पर, मैंने उस दिन पैसे जीते. मैं बहुत ही खुश था और मुझे बड़ा मजा आया क्योंकि मुझे इन लगाए हुए पैसों को जमा करने में एक सप्ताह का समय लगा था और इन पैसों को जुए में लगाकर मुझे ज्यादा पैसे मिल रहे थे. जल्द ही, मैंने काम के बाद रोजाना कैसीनो का दौरा करना शुरू कर दिया. कुछ स्टाफ मेंबर्स ने से मेरी दोस्ती भी हुई और उन्होंने मुझे कहा भी कि ये काम छोड़ दो, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. मैं एक मजबूर जुआरी बन गया और कई बार ऐसा होता था जब मैं अपने महीने की पूरी सैलरी को दांव पर लगा देता था. एक बार, मैंने बदले में किसी को अपनी कार की चाभी भी दे दी थी." विवेक ने कहा.

अभिनेता ने यह भी खुलासा किया कि किस तरह उन्होंने जुए की इस आदत को छोड़ दिया. उन्होंने कहा, "एक रात, मैं बहुत सारे पैसे गंवा चुका था और घर के लिए टैक्सी के किराए के लिए मेरे पास पांच पाउंड कम पड़ रहे थे. ड्राइवर जो एक बांग्लादेशी था, ने मुझसे पूछा कि रात कैसी थी? कैसिनो की मेरी जर्नी और यहां गंवाए पैसे... यह सब मेरे जहन से नहीं निकल रहा था. मैं किसी से बात नहीं करना चाहता था. और फिर उसने अपनी कहानी मुझे सुनाई. वह एक अशिक्षित आदमी था, जो कई सालों पहले धाका से यहां आया था. उसने गाड़ी खरीदने के लिए पैसे बचाए और एक कैब खरीदकर एक भारतीय लड़की से शादी कर ली. वह कड़ी मेहनत कर रहा था, और कुछ ही वर्षों में, सात टैक्सियों का मालिक बन गया. उसने कार्डिफ में दो घर भी खरीदे. हालांकि, एक शाम को उसके दोस्त उसे ले गए कैसिनो. तब से उसका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. वह जुए का आदी हो गया और अपना सब कुछ खो बैठा. उसकी पत्नी ने अपने दो बच्चों के साथ उसे छोड़ कर चली गई. उसकी कहानी ने मुझपर वो असर किया जो किसी की सलाह नहीं कर पाई. वह आखिरी दिन था जब मैं कैसिनो गया था. "

खैर, अंत भला तो सब भला!

 

(Source: Times of India)

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