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सोनू सूद से प्रेरणा लेकर कमाठीपुरा में सेक्‍स वर्कर्स की मदद करने पहुंचे शालीन भनोट, बताया - '50 रुपये के लिए भी काम कर रही हैं महिलाएं सुनकर मैं सुन्न पड़ गया'

कोरोनावायरस महामारी में हर इंसान किसी न किसी तरह से दूसरों की मदद करने की कोशिश कर रहा है. कई सेलेब्स इलाज से लेकर खाने तक की मदद जरूरतमंदों को पहुंचा रहे हैं. अब 'नागिन 4' फेम एक्टर शालीन भनोट का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह मुंबई के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया यानी कमाठीपुरा में रह रहीं सेक्स वर्कर्स के बीच राशन का सामान बांटते नजर आ रहे है. शालीन ने 100 से अधिक सेक्स वर्कर्स के परिवारों के बीच राशन, सैनिटाइजर, साबुन और मास्क जैसी जरुरी चीजों से मदद की. वहीं इसके बाद शालीन ने अपने इंस्टाग्राम पर वहां के हालातों को देख एक पोस्ट लिखा. जिसमें शालीन ने बताया कि इस महामारी में सबसे ज्यादा सेक्स वर्कर्स प्रभावित हुए हैं. वहीं उन्होंने कई हैरान कर देने वाली बातें भी लिखी. 

शालीन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो भी शेयर किया है. जिसमें वह सेक्स वर्कर्स से बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं. शालीन ने अपने पोस्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि जब वह इन सेक्स वर्कर्स की मदद के लिए उनके पास पहुंचे तो उनके चेहरे की खुशी देखने लायक थी. बताते चलें कि मुंबई के कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया में 1300 से अधिक सेक्स वर्कर्स रहते हैं. और एक सामाजिक कार्यकर्ता ने शालीन को संपर्क किया था. जब उन्होंने शालीन से इन सेक्स वर्कर्स के बारें में बात की, तब वह तुरंत उन्हें मदद करने के लिए राज़ी हुए.

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शालीन वीडियो शेयर करते हुए लिखते हैं, 'मेरी कार जब मुंबई के बदनाम इलाके कमाठीपुरा तंग गलियों में पहुंची तो मैं अचानक से अकेला और उदास महसूस करने लगा. दूसरे लॉकडाउन के दौरान मुझे उलझन सी हुई और मैं कुछ अच्छा करना चाहता था। कलियुग में सिर्फ मानवता ही जीवित रहती है. कई लोग हैं जो जरूरतमंदों की बड़ी मदद कर रहे हैं. एक मसीहा के रूप में सोनू सूद भैया उभरे और हम सबको प्रेरणा दी. मैंने रिसर्च की और पता लगा कि हमारे रेड लाइट इलाके कितने वंचित हैं और किसी का ध्यान नहीं जाता. मैं एक सोशल वर्कर के जरिये उस इलाके में गया। जब मुझे पता चला कि महिलाएं 50 रुपये के लिए भी काम कर रही हैं तो मैं सुन्न पड़ गया.'

शालीन आगे लिखते हैं, 'मैं चाहता था कि लोग साथ आएं, उनके लिए फंड जुटाएं लेकिन जैसा कि हमेशा कहा जाता है, खुद मिसाल बनो. तो मैं जितना कर सकता था किया. उनकी जरूरतों को जाना और 100 परिवारों की मदद करने की कोशिश की. मैं जब वहां से निकलने वाला था तो कुछ महिलाएं दौड़कर मेरे पास आईं, उनकी आंखें नम थीं, उन्होंने मास्क की जगह दुपट्टा बांधा था, हाथ जोड़े और इतना मजबूर कभी फील नहीं किया. मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा लेकिन चाहता हूं कि आप लोग भी आगे आएं और मेरी मदद करें। मैं चाहता हूं कि आप लोग सलाह दें, क्या हम अपने देश की महिलाओं को बचा सकते हैं.'

(Sourec: instagram)

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