'बालिका वधू सीजन 2' इस हफ्ते से कलर्स चैनल पर प्रीमियर होने के लिए तैयार है ऐसे में पहले सीजन की स्टारकास्ट नोस्टालजिक और एक्साइटेड महसूस कर रही है. एक दशक पहले सभी किरदारों ने अपने अभिनय और शो के कॉन्सेप्ट से समाज में बाल विवाह के प्रति थोड़ी जागरूकता पैदा की थी. देश में बाल विवाह जैसे मुद्दे को संबोधित करके इस शो ने अपने समय बहुत लोकप्रियता हासिल की थी. अब, अविका गोर, शशांक व्यास और सिद्धार्थ शुक्ला ने अपने अच्छे दिनों को याद करते हुए बालिका वधू सीजन 2 की टीम को बधाई दी और अपने अनुभव शेयर किये.
सीजन 1 में अपने काम का अनुभव साझा करते हुए सिद्धार्थ ने कहा, 'बालिका वधू ने मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और मेरे करियर में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टेलीविजन इंडस्ट्री से मुझे सर्वश्रेष्ठ के साथ काम करने और सीखने का मौका मिला और यह निश्चित रूप से मेरे दिल में एक बहुत ही खास हिस्सा रखता है. बालिका वधू के साथ हमने इतिहास रचा और मैं नए सीजन की खबर सुनने के लिए उत्साहित हूं. शो के कॉन्सेप्ट ने अतीत में बहुत जागरूकता पैदा करने में मदद की, लेकिन बाल विवाह यह एक सामाजिक बुराई है जो दुर्भाग्य से अभी भी मौजूद है, और हमें इस लड़ाई को जारी रखने की आवश्यकता है. मैं 'बालिका वधू सीजन 2' की पूरी कास्ट को शुभकामना देता हूं क्योंकि वे एक नई जर्नी शुरू कर रहे हैं.
शो के बारे में अविका गौर ने कहा, 'बालिका वधू हमेशा मेरे लिए एक स्पेशल शो रहेगा क्योंकि इसमें न केवल मुझे इतना खूबसूरत किरदार निभाने का मौका मिला, बल्कि मुझे लाखों फैंस भी मिले जिन्होंने मुझे हर कदम पर प्यार दिया. यह सिर्फ एक शो नहीं है, यह एक भावना है जिसे मैं सालों तक जी हूं. 'बालिका वधू' मेरे जीवन में एक मील का पत्थर रहा है और मुझे यकीन है कि दूसरा सीजन भी सभी को आकर्षित करेगा. मेरा आनंदी का किरदार दर्शकों का पसंदीदा बन गया और अब हमारी नई आनंदी भी अपने आकर्षण से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
नए कलाकारों को बधाई देते हुए शशांक व्यास ने कहा, 'बालिका वधू मेरे करियर का बेस (आधार) है, और मुझे शो से बहुत कुछ मिला है और सीखा. आज भी शो का टाइटल ट्रैक मुझे यादों की गलियों में ले जाता है और मुझे पुरानी यादों का अहसास कराता है.मैं खुशनसीब हूं कि मुझे ऐसे शानदार अभिनेताओं के साथ काम करने का मौका मिला. जब मुझे बालिका वधू के नए सीजन के बारे में पता चला, तो ऐसा लगा जैसे मैं पांच साल के पल और यात्रा को संजो रहा हूं.