PeepingMoon.com अपने ऑडियंस के लिए अपने नए सेगमेंट 'लेट्स टॉक' लेकर आये हैं. इस वीकली एपिसोड में फिल्म/टीवी इंडस्ट्री के सेलेब्स दिखाई देंगे, जो अपनी यात्रा में आये उतार-चढ़ाव के बारे में खुलकर बात करेंगे. ऐसे में हमारे नए एपिसोड में अविनाश तिवारी ने अपने करियर से जुड़े कई दिलचस्प खुलासे किये हैं.
अविनाश को एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में करीब 15 साल हो गए हैं. लेकिन एक्टर को इंडस्ट्री द्वारा नोटिस करने के लिए लैला मजनू (2018) की आवश्यकता थी. लेट्स टॉक के लेटेस्ट सेगमेंट में, अविनाश ने रेगुलर रिजेक्शन से निपटने के बारे में बात की है, कैसे अभी भी कितने उन्हें उनके चेहरे से नहीं पहचानते हैं और फिल्म की सफलता के बावजूद अगले काम को मिलने की चिंता है. लेट्स टॉक के लेटेस्ट सेगमेंट में, अविनाश ने रेगुलर रिजेक्शन से निपटने के बारे में बात की है, कैसे अभी भी कितने उन्हें उनके चेहरे से नहीं पहचानते हैं और फिल्म की सफलता के बावजूद अगले काम को मिलने की चिंता है. उन्होंने उनके संगर्ष के समय परिवार द्वारा देखे गए कठिन समय पर दिल खुलकर बात की है. इसके अलावा एक्टर ने बिना किसी सूचना रीप्लेस करने, अभी भी काम के लिए ऑडिशंस देने और कैसे ओटीटी पर बुलबुल और द गर्ल ऑन द ट्रेन की रिलीज ने मार्केट में उनकी स्थिति को बदला है. अविनाश ने स्वीकार किया कि वह असल में स्टारडम की तलाश में हैं. वेतन समानता पर अपने रुख और महिला प्रधान फिल्मों में हीरो की भूमिका करने से लेकर अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट 'डोंगरी टू दुबई' पर रोशनी डाली है.