#BollywoodStrikesBack मुहिम ताकतवर होती जा रही हैं. ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट से सुनने में आया है कि फ़िल्म ट्रेड असोसिएशन और कई प्रोडक्शन हाउस रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ के पीछे पड़े हैं ताकी ग़लत सलत खबरें ना छापी जाएं. ऐसे में कथित तौर पर ऐसी आपत्तिजनक कंटेंट प्रसारित करने वाले कई अन्य चैनल्स पर भी अब एडिशनल डिफ़ेन्डेंट्स का मुकदमा किया है.
ऐसे में अब PeepingMoon.com ने विशेष रूप से जाना है कि आजतक और एबीपी न्यूज़ दो अन्य नाम हैं, जिनका नाम फिल्म इंडस्ट्री द्वारा दायर किए गए मुक़दमे में शामिल किया गया है. दोनों चैनल अभी 'अननेम्ड डिफ़ेन्डेंट्स' के रूप में हैं. डीएसके लीगल, जो बॉलीवुड का प्रतिनिधित्व कर रहा है, ने पुष्टि की है कि उनके क्लाइंट "सिर्फ मुकदमा किये गए चैनलों और प्लेटफार्मों के खिलाफ आदेश नहीं मांग रहे हैं, बल्कि अनाम दोषियों के खिलाफ भी जिनका नाम बदलकर जॉन डो / अशोक कुमार के रूप में संदर्भित किया गया है."
[BREAKING] Suit has been filed before Delhi High Court by four Bollywood industry Assns & 34 leading Bollywood producers AGAINST
Republic TV
Arnab Goswami
Pradeep Bhandari
Times Now
Rahul Shivshankar
Navika Kumar @navikakumar @pradip103 @RShivshankar #ArnabGoswami pic.twitter.com/NXAP4w1Uvp— Bar & Bench (@barandbench) October 12, 2020
(यह भी पढ़ें: शाहरुख, सलमान, आमिर और बॉलीवुड प्रोड्यूसर्स द्वारा मीडिया हाउसों के खिलाफ मुकदमा दायर करने पर खुश हुए नेटीजंस)
इस बात की मजबूत अटकलें हैं कि जॉन डो / अशोक कुमार आजतक और एबीपी न्यूज़ हो सकते हैं. एक लीडिंग बॉलीवुड डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी है जिसका नाम याचिकाकर्ता द्वारा इंडस्ट्री के खिलाफ अपमानजनक कंटेंट प्रकाशित करने के लिए शामिल है. DSK लीगल ने आगे कहा है, "इसका मतलब है कि वादकारियों के पक्ष में पारित कोई भी आदेश सभी टेलीविजन चैनलों और डिजिटल प्लेटफार्मों के कंटेंट्स पर लागू होगा, जो इस तरह के आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे."
हिंदी फिल्म बिरादरी ने एकजुटता की शक्ति दिखाते हुए मिलकर दो दिन पहले रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ और उनके चार एंकरों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मुकदमा दायर किया है. प्रोड्यूसर्स ने इन पत्रकारों द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में संचालित एक तथाकथित ड्रग कार्टेल का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वाक्यांशों पर आपत्ति जताई है. इन वाक्यांशों में शामिल हैं, "गंदगी", "स्कम", "ड्रागी" और इसके साथ इस तरह के एक्सप्रेशन कहे जाते हैं, "यह बॉलीवुड है जहां गंदगी को साफ़ करने की आवश्यकता है," "अरब के सभी परफ्यूम बॉलीवुड की गंदगी की बदबू को दूर नहीं कर सकती", "यह देश का सबसे गन्दी इंडस्ट्री है", "कोकीन और एलएसडी ने बॉलीवुड को सराबोर कर दिया है."
वादी सूची में 34 प्रोडक्शन हाउसों के अलावा, द फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (PGI), द सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (CINTAA), इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल (IFTPC) और स्क्रीनराइटर एसोसिएशन (SWA) शामिल हैं.