फिल्मों में लेखकों के योगदान और उनके मिलने वाले वेतन को लेकर बॉलीवुड स्क्रीन राइटर एसोसिएशन ने नियम बनाए है. इसके तहत राइटर को प्रोजेक्ट में लगने वाले पैसे के हिसाब से वेतन दिया जाएगा. स्क्रीन राइटर एसोसिएशन और वरिष्ठ एक्टिविस्ट, अंजुम राजाबली का कहना है, "अगर कोई स्क्रिप्ट नहीं है, तो कोई फिल्म नहीं है और उद्योग में कोई नौकरी नहीं है. यह ब्लूप्रिंट है, जिस पर पूरी परियोजना आधारित है और इसलिए स्क्रिप्ट का एक निश्चित मूल्य होना चाहिए, जो लोगों को बेहतर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा.”
अंजुम राजाबली का कहना कि यह नियम न केवल लेखकों के लिए बेहतर वेतन की सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि प्रोजेक्ट्स को बेहतर स्क्रिप्ट प्राप्त करने में भी मदद करेगी. "आज, उद्योग को एक अच्छी स्क्रिप्ट की आवश्यकता है और यह पाने के लिए लेखकों को इंसेंटिव देना चाहिए."
अंजुम राजाबली का कहना हैं कि रितेश सिधवानी, जो बॉलीवुड फिल्म में अच्छी फिल्में बनाते हैं, उन्होंने इस पहल को सपोर्ट किया है.
रितेश सिधवानी का इस पर कहना हैं, “मैं एक लेखक नहीं हूं, लेकिन मुझे पता है कि यह एक मांग वाला काम है. हमारे पास पहले से ही एक प्रणाली है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में लेखकों को हमारे साथ लाभ-साझाकरण समझौते में प्रवेश करने का विकल्प मिला है. एक व्यक्ति यह तय कर सकता है कि क्या वह अधिक आधार शुल्क या कम राशि चाहता है. फुकरे के लेखकों को लगभग 70 से 80 लाख रुपये मिले थे, क्योंकि उनके साथ हमारे साथ एक लाभदायक समझौता था.”
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साफ है रितेश राइटर्स एसोसिएशन की इस पहल को पूरी तरह से सपोर्ट कर रहे हैं.
Source: Mumbai Mirror