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दिवंगत इरफान की फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' दुबई में हुई रिलीज, 2 महीने बाद आज से खुले सिनेमाघर

दिग्गज इरफान ने इस 29 अप्रैल को 54 वर्ष की उम्र में अपनी आखिरी सांसें ली. एक्टर के निधन की खबर ने देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी मौजूद उनके फैंस और दोस्तों को भी अंदर तक तोड़ दिया. इरफान खान बॉलीवुड के उन सितारों में से हैं जिन्होंने दुनियाभर में अपनी एक्टिंग से धूम मचाकर रख दी और भारतीय सिनेमा को ग्लोबल स्तर पर लेकर गए. इरफान खान काफी समय से बीमारी से जूझ रहे थे. बीमार रहते हुए जैसे-तैसे उन्होंने अपनी फिल्म 'अग्रेजी मीडियम' की शूटिंग पूरी की थी. इस फिल्म को डिजिटल प्लैटफॉर्म पर जारी कर दिया गया हैं. दर्शकों ने इरफान की इस फिल्म को खूब सराहा. अब इरफान की ये फिल्म दुबई में थिएटर में रिलीज हो गई है. दुबई में करीब दो महीने बाद सख्त नियमों के साथ सिनेमाघर खोले गए हैं. वहीं अब इरफान को श्रद्धांजलि के तौर पर दुबई में भी हॉल खुलते ही उनकी फिल्म दिखाई जी रही है. 

बता दें कि अंग्रेजी मीडियम इरफान की अंतिम फिल्म थी. इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान इरफान खान ने खुद एक वीडियो जारी कर कहा था कि शायद वह रहें या ना रहें लेकिन वह चाहते हैं कि उनकी इस फिल्म को खूब प्यार मिले क्योंकि उन्होंने बहुत मेहनत और प्यार से इस फिल्म को बनाया है. अपने इस आखिरी ऑडियो मैसेज में उन्होंने एक बड़ा संदेश भी दिया था. इरफान ने कहा था. 'सच में जब जिंदगी आपके हाथ में नींबू थमा देती है न तो शिकंजी बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इन हालातों में नींबू की शिकंजी बना भी पाते हैं या नहीं, ये आप पर निर्भर करता है.'

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आखिरी ऑडियो मैसेज इरफान ने बोला था कि... 'हेलो भाईयों-बहनों नमस्कार. मैं हूं इरफान. मैं आज आपके साथ हूं भी और नहीं भी. खैर ये फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' बहुत खास है. सच बताउं, तो मेरी दिली इच्छा थी कि इस फिल्म को उतने ही प्यार से प्रमोट करूं, जितने प्यार से हमने इसे बानाया है. लेकिन मेरे शरीर के अंदर कुछ unwanted मेहमान बैठे हुए हैं, उनसे वार्तालाप चल रहा है. देखते हैं किस करवट उठ बैठता है. जैसा भी होगा आपको जानकारी दे दी जाएगी. एक कहावत है- When life gives you lemons, you make lemon immediately. बोलने में अच्छा लगता है, लेकिन सच में जब जिंदगी आपके हाथ में नींबू थमाती है न तो शिकंजी बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है. लेकिन पॉजिटिव रहने के अलावा आपके पास दूसरी च्वाइस भी किया है. इन हालातों में नींबू की शिकंजी बना भी पाते हैं या नहीं, ये आप पर निर्भर करता है. इस फिल्म को हम सभी ने उसी पॉजिटिविटी के साथ मनाया है, तो मुझे उम्मीद है कि ये फिल्म आपको सिखाएगी, हंसाएगी, रूलाएगी और फिर हंसाएगी शायद.'

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