लगभग ढाई महीने बाद फिल्म और टीवी इंडस्ट्री फिर से काम पर लौटने को बेताब है..रविवार को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के बाद शूटिंग जल्द से जल्द शुरु हो इसकी तैयारियां चल रहीं हैं..लेकिन इस गाइडलाइन पर अब इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन यानि IMPPA के प्रेसिडेंट टी पी अग्रवाल ने सवाल उठा दिए हैं. टी.पी. अग्रवाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है. इस लेटर में खत में उन्होने शूटिंग सेट पर डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के मौजूदगी अनिवार्य करने के नियम पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ये संभव नहीं है.अपने लेटर में टीपी अग्रवाल ने कहा कि अगर फिल्मसिटी में एक वक्त पर 10 सेट्स लगें हों जहां शूटिंग जारी हो, ऐसे में दसों सेट्स पर अलग अलग डॉक्टर नर्स और एंबुलेंस की सुविधा दे पाना मुमकिन नहीं है. ऐसा करने से मुंबई शहर डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ की कमी से जूझने लगेगा. टीपी अग्रवाल ने इस बारे में सुझाव दिया है कि हम ऐसा कर सकते हैं कि जैसी जरूरत हो या कोई इमरजेंसी हो तो डॉक्टर या एंबुलेंस की सेवाएं लें. उन्होने कहा कि ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की ज्यादा जरुरत हॉस्पिटल्स में है न कि फिल्म सेट्स पर.
इसके अलावा सीएम को लिखे अपने खत में टीपी अग्रवाल ने जिक्र किया है कि सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक फिल्म से जुड़े सभी सदस्यों क्रू मेंबर्स को शूटिंग स्पॉट के नजदीक किसी होटल या अपार्टमेंट्स में ठहराया जाए जबकि ये भी मुमकिन नहीं है क्योंकि ज्यादातर होटल्स और अपार्टमेंट को सरकार ने खुद क्वारंटाइन सेंटर बना दिया है जहां बड़े क्रू को ठहराया नहीं जा सकता.
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फिल्म शूटिग के सरकार द्वारा जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानि SOP को कन्नड़ इंडस्ट्री की गाइडलाइन की तरह बनाने की भी मांग की गई है साथ ही ये भी कहा गया है कि 10 साल से कम और 65 साल से ज्यादा उम्र के कलाकारों और सदस्यों को फिल्म शूटिंग में हिस्सा न लेने का नियम हटाया जाए क्योंकि कई ऐसे कलाकार और टेक्निशियन हैं जो इस उम्र के दायरे में आते हैं और अपने काम में जिन्हे महारत हासिल है. वैसे देखा जाए तो टीपी अग्रवाल के ये सुझाव काफी मजबूत हैं लेकिन देखना होगा कि सरकार का इन सुझावों पर क्या रुख होता है.
(Source:Mumbai Mirror)