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कारगिल हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा की 21वीं डेथ एनिवर्सरी पर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने दी श्रद्धांजलि

कारगिल युद्ध की बात आती है सेना के एक ऐसे जांबाज का नाम जरूर आता है जिसने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों की धज्जियां उड़ा दी थीं. सेना के इस जांबाज विक्रम बत्रा को शेरशाह के नाम से जाना जाता था. कारगिल के शेरशाह के नाम से प्रसिद्ध कैप्टन विक्रम बत्रा आज ही के दिन 1999 में शहीद हुए थे. हिमाचल के कांगड़ा जिले के पालमपुर के परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा 7 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में देश के लिए शहीद हो गए थे. वहीं कारगिल हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा की 21वीं डेथ एनिवर्सरी पर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने इस वीर योद्धा को श्रद्धांजलि दी हैं.

सिद्धार्थ मल्होत्रा ने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर कर कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा की 21वीं डेथ एनिवर्सरी पर ट्रिब्यूट देते हुए देश के लिए किए त्याग पर सैल्यूट किया है. बता दें कि,  बॉलीवुड अब विक्रम बत्रा की शौर्यगाथा को पर्दे पर लाने की तैयार में है. कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा का कोडनेम शेरशाह था और इसी वजह से उनकी बायोपिक का नाम भी शेरशाह रखा गया है. कुछ वक्‍त पहले सिद्धार्थ मल्होत्रा ने शेरशाह का पोस्‍टर शेयर किया था जिसमें वह बंदूक लिए अपनी बटालियन के साथ पहाड़ी चढ़ते हुए नजर आए थे. अगर कोरोना काल नहीं होता तो यह फिल्म तीन जुलाई 2020 को रिलीज होने वाली थी.  शेरशाह फिल्म की शूटिंग कश्मीर, पालमपुर, लद्दाख और चंडीगढ़ में हुई थी. इस फिल्म के लिए सिद्धार्थ ने मिलिट्री ट्रेनिंग भी ली है. सिद्धार्थ और कियारा के अलावा फिल्म में जावेद जाफरी, परेश रावल, हिमांशु मल्होत्रा अहम रोल में हैं.  

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वहीं बता दें कि, विक्रम की शहादत के बाद प्वाइंट 4875 चोटी को बत्रा टॉप का नाम दिया गया है. हालांकि, कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इस युद्ध के हीरो के अदम्य साहस और वीरता की कहानियां आज भी हमारी रगों में जोश भर देती हैं. 9 सितंबर 1974 को हिमाचल के कांगड़ा जिले के पालमपुर में जन्मे शहीद विक्रम बतरा को उनकी बहादुरी के कारण दुश्मन भी उन्हें शेरशाह के नाम से जानते थे. 

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