रणदीप हुड्डा के लिए सिर्फ दो लोगों की आलोचना मायने रखती है, एक उनके पिता और दुसरे नसीरुद्दीन शाह. इंडिया टुडे ई- माइंड रॉक्स के साथ मेंटल हेल्थ और 'कैसे खुश रहा जाये' इस विषय पर बात करते हुए अभिनेता ने कहा, 'उनके रास्ते में आये नेगेटिविटी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि वो सिर्फ काउंटरप्रोडक्टिव है. उनके लिए सिर्फ दो लोगों का क्रिटिसिज्म इम्पोर्टेन्ट है एक उनके पिता और दुसरे नसीरुद्दीन शाह.
सेशन के दौरान रणदीप ने कहा, 'ऐसे लोग हैं जिनकी राय मेरे लिए प्रोफेशनली मायने रखती है. मेरे पिता उनमें से एक हैं और नसीरुद्दीन शाह दुसरे व्यक्ति हैं जिनकी मैं सुनता हूं. और फिर मेरे पास अपने काम के बारे में अपनी एक राय है तो इससे परे कुछ भी वास्तव में मेरे लिए मायने नहीं रखता है.
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रणदीप इस बात को मानते हैं कि उन्हें अपने पेशे में बहुत नेगेटिविटी झेलनी पड़ती है लेकिन यह उनके काम की विशेषता नहीं है. किसी व्यक्ति के अनर्गल शब्दों से ऊपर उठने का एक ही रास्ता है और वह यह है कि खुद पर भरोसा रखो और आगे बढ़ते रहो. रणदीप ने कहा, 'हां, यह सच है कि मेरे प्रोफेशन में बहुत नेगेटिविटी है. हर जगह पर नेगेटिविटी है लेकिन जिस तरह से मैं इससे निपटता हूं, मैं लगातार खुद को सीखने की स्थिति में रखता हूं. प्रतियोगिता की कोई भावना नहीं होनी चाहिए'.
मेंटल हेल्थ पर बात करते हुए एक्टर ने कहा कि 'अपने शरीर का ध्यान रखना आपका कर्तव्य है, क्योंकि इसी में आपका दिमाग और आत्मा रहती है. मेंटल हेल्थ और फिजिकल हेल्थ दोनों रिलेटेड है. इसलिए वॉकिंग बेस्ट थेरेपी है जो दिमाग और शरीर दोनों को स्वस्थ रखती है'.
(Source: India Today)