इंडस्ट्री में मधुर भंडारकर का 25 साल का सफर बहुत उतार चढ़ाव भरा था. 1999 में फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करने वाले मधुर ने हाल ही में एक वेबसाइट के साथ इंटरव्यू में अपने निजी अनुभव पर बात की और बताया कि किस तरह फिल्म फ्लॉप होने के बाद लोगों का बात करने का नजरिया बदल जाता है.
हिंदुस्तान टाइम्स के साथ इंटरव्यू में मधुर ने कहा कि बहुत सारे लोग उनसे पूछते हैं कि कैसे वो खुद को कैम्प्स और किसी तरह की पैरवी से दूर रखते हैं. भंडारकर ने कहा, 'मेरी पहली फिल्म 'त्रिशक्ति' फ्लॉप हो गई और मुझे लोगों के देखने का दृश्य मिला कि किस तरह वो आपको देखते हैं और आपसे बात नहीं करना चाहते. उन्हें लगता है फिल्म फ्लूप हो गयी, ये मनहूस है. उनका व्यक्तित्व और बात करने का तरीका बदल जाता है. यह इंडस्ट्री बहुत क्रूर है.
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पहली फिल्म फ्लॉप होने के बाद अपने बुरे दौर को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'जिस समय 'त्रिशक्ति' फ्लॉप हुयी, जो लोग मेरा फ़ोन उठाते थे अचानक गायब हो गए. वो इतने बड़े लोग भी नहीं थे. मेरे लिए फिर से पैर ज़माना बहुत मुश्किल था. लोग आपको सलाह देते हैं ‘आपका करियर खत्म हो गया है.'
उन्होंने यह भी बताया कि तब और अब के बीच बहुत कुछ बदल गया है और मधुर भंडारकर ने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित कुछ अच्छी फिल्में जैसे 'पेज 3', 'चांदनी बार', 'फैशन' जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है. अपनी बातचीत में उन्होंने कहा कि इनसाइडर्स को ज्यादा चांस और सम्मान मिलता है.अगर सफलता नहीं है तो कम से कम पिता, भाई, मां या चाचा के कारण पहुंच तो हैं, जो सफल हैं.
(Source: Hindustan Times)