सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बॉलीवुड में नेपोटिज्म, इंसाइडर्स वर्सेज आउटसाइडर्स और ग्रुपिज्म पर बहस छिड़ गई है. कई एक्टर्स, संगीतकार, राइटर, डायरेक्टर्स इस पर खुल कर बोल चुके है कि उऩके साथ बहुत पक्षपात हुआ हैं. वहीं इस लिस्ट में अब दीया मिर्जा का नाम भी जुड़ गया है. दीया मिर्जा ने इनसाइडर-आउटसाइडर डिबेट और बॉलीवुड में गुटबाजी के बारे में बात की. वहीं इस दौरान दीया ने बताया कि कैसे उन्होनें कई एक्टर्स के चलते कई फिल्में खो दी थी.
एक लीडिंग वेबसाइट से बातचीत में दीया ने कहा कि, 'यहां फेवरेटिज्म के साथ साथ कैम्प भी हैं. हां इंडस्ट्री में पक्षपात भी है, वैसे ही जैसे लाइफ के हर पड़ाव में रहता है. इंडस्ट्री में कैंप भी है लेकिन ऐसा कहा नहीं होता है. मुझे अब यह बहस बहुत बीमार लगती है. हां पक्षपात है पर यह सोशल इश्यू है, यह ऐसा है जो हर इंसान करता है और हर तरफ है. ऐसे स्कूल में भी होता है. टीचर्स के अपने फेवरेट स्टूडेंट्स होते हैं. मुझे लगता है यह पीआर के कारण है. कई लोग जिनके पास अच्छा बैकअप है, पैसा है उनके पास उनका पीआर संभालने के लिए बहुत सारे लोग हैं. यह पक्षपात मीडिया में भी है. दिक्कत यह है कि जब कोई बड़ा स्टार किसी मुद्दे के बारे में बोलता है तो माना जाता है कि इंडस्ट्री चुप है. मीडिया भी हमेशा यह कहती है कि इंडस्ट्री नहीं बोल रही है. लेकिन इंडस्ट्री में समय-समय पर बोलते हैं सब अपने मुद्दे सामने रखते हैं. बस ऑडियंस की कमी होती है. जिसकी कम ऑडियंस मीडिया उसको कम कवर करती है जिसकी ज्यादा ऑडियंस मीडिया उसको ज्यादा कवर करती है. मुझे लगता है दिक्कत सिस्टम में है जिसमें मीडिया भी शामिल है.'
दीया ने आगे कहा कि, 'मैंने हमेशा माना है कि अपने रास्ते पर चलो और अपने काम पर फोकस रखो और अपने स्वयं के अवसरों की खोज करना ज्यादा जरूरी है. हां, जब मैं बहुत यंग थी..तो मुझे यह बहुत अटपटा लगता था...कई बार ऐसा हुआ है कि मैं इससे परेशान भी हुई. मैंने कई एक्टर्स की वजह से कई फिल्मों को खो दिया था और ये बहुत पैनफुल है, लेकिन आप उठते हैं और अपना का बेबतर तरीके से करते है. लेकिन अभी बहुत सारी चीजों में मुझे पर्सनल एजेंडा दिखाई देता है. अभी कितना निशाना साधा जा रहा है वह पूरी तरह से निजी और तकलीफ दायक है.'
(Source: Hindustan Times)