हाल ही में मशहूर टीवी शो बालिका वधू की दादी सा यानी सुरेखा सिकरी ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा शूटिंग के लिए जारी की गई गाइडलाइन पर नाराजगी व्यक्त की थी. दरअसल सुरेखा जी ने गाइडलाइन के एक दिशा निर्देश पर आपत्ति जताई थी. यह दिशानिर्देश यह था कि 65 साल से अधिक आयु वाले एक्टर को शूटिंग सेट पर जाने की परमिशन नहीं है. जिस पर सुरेखा जी ने कहा था, 'मेरी उम्र भले ही 75 साल हो गई हो लेकिन मैं बहुत फिट हुं और अगर मैं सेट पर नहीं जाऊंगी तो यह मेरे आत्मनिर्भर अधिकार का उल्लंघन होगा. मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक है और मुझे बाहर जाकर शूटिंग करने में कोई आपत्ति नहीं है' वहीं हाल ही में यह खबर भी उड़ी थी कि काम ना होने की वजह से सुरेखा जी आर्थिक तंगी से गुजर रही है. वही इन खबरों पर सुरेखा जी ने कहा है कि वो किसी से मदद लेना पसंद नहीं करती है. वो हमेशा अपने बलबूते पर जी हैं.
एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुरेखा सिकरी ने कहा कि, 'मुझे मेरे मेडिकल बिल और अन्य खर्चों के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है. लेकिन मुझे लगता है कि फिल्ममेकर्स जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं हैं. वहीं पैसो की कमी पूरा करने के लिए मैंने अपने दोस्तों से उधार के लिए कहा है. मैं लोगों के बीच कोई गलत धारणा नहीं बनाना चाहता कि मैं पैसे के लिए लोगों से भीख माँग रहा हूँ. मुझे दान नहीं चाहिए. हां वैसे कई लोग मेकी मदद के लिए आगे आए हैं. मैं उन सबकी शुक्रगुजार हूं. लेकिन मैंने कभी किसी से कुछ भी नहीं लिया है. मुझे काम दीजिए और मैं सम्मानपूर्वक जीना चाहती हूं.'
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बता दें कि, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पासआउट सुरेखा सीकरी पर इब्राहिम अल्काजी के नाटकों का गहरा असर हुआ. ये वही अल्काजी हैं जिनके शागिर्द नसीरुद्दीन शाह भी हैं. इसके बाद नाटक, सीरियल और फिल्मों में उन्होने लगातार काम किया. फिल्मों की बात करें तो 'किस्सा कुर्सी का' उनकी पहली फिल्म थी. ये फिल्म साल 1978 में आई थी. इसके बाद वे 'तमस', 'सलीम लंगड़े पर मत रो', 'लिटिल बुद्धा', 'सरफरोश', 'जुबीदा', 'काली सलवार', 'रेनकोट', 'तुमसा नहीं देखा', 'हमको दीवाना कर गए', 'डेव डी', 'गोस्ट स्टोरीज' और 'बधाई हो' जैसी फिल्मों का हिस्सा रही हैं. अब वे 'शीर कोरमा' फिल्म में नजर आएंगी.