पिछले कुछ दिनों से गोरे और सांवले रंग को लेकर दुनिया भर में बहस छिड़ी हुई है. अमेरिका से शुरू हुआ ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन तेजी से बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी छा गया और इसका असर देखने को मिला. जिसके बाद फेयरनेस क्रीम के खिलाफ भी जंग छिड़ी थी. फिल्म इंडस्ट्री में भी कई ऐसे सेलेब्स हैं जिन्हें अपने सांवले स्किन कलर के चलते रंगभेद का शिकार होना पड़ा. वहीं नेटफ्लिक्स पर हनी त्रेहान की फ़िल्म और नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राधिका आप्टे स्टारर 'रात अकेली है' में इस मुद्दे पर भी रोशनी डाली गई है. फिल्म में नवाजुद्दीन यानी जतिल यादव की अपनी डार्क स्किन के कारण शादी नहीं हो पा रही है और इसलिए वह चुपके से फिल्म में फेयरनेस क्रीम लगाते हैं. वहीं नवाज ने एक लीडिंग वेबसाइट से अपने किरदार के बारे में बात करते हुए बताया कि वह रियल लाइफ में भी खुद फेयरनेस क्रीम लगाते थे.
एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए नवाज ने कहा कि, 'मैं भी इन फेयरनेस क्रीमों को लगाते हुए बड़ा हुआ हूं, जिससे मुझे कुछ चमत्कारी रिजल्ट की उम्मीद थी. वास्तव में, मुझे याद है कि मुझे यह कभी महसूस नहीं हुआ था कि मैं जिस क्रीम का इस्तेमाल कर रहा हूं वह फेयर और लवली नहीं है, बल्कि नकली क्रीम है जिससे कुछ होता नहीं. मैंने अपनी स्किन को गोरा करने के लिए बहुत समय तक कई क्रिम्स का इस्तेमाल किया.'
बॉलीवुड के बारे में बात करते हुए, नवाज ने कहा, 'मेनस्ट्रीम बॉलीवुड सिनेमा में देखा जाए तो बहुत डार्क कलर के एक्टर और एक्ट्रेस हैं. हां लेकिन शुरुआत में मुझे भी रंग की कारण कुछ कमी का एहसास होता था. इंफेरियारिटी कांप्लेक्स फिल होता थी. लेकिन मुझे लगता है कि अच्छी बात यह है कि मुझे एहसास हुआ कि चूंकि मैं अपने चेहरे के लिए तो कुछ नहीं कर सकता तो इसलिए मुझे अपनी एक्टिंग पर ध्यान देना बेहतर होगा. मुझे लगता है कि आज मैं अपने एक्टिंग के बिना कुछ भी नहीं हूं. मेरी पर्सनालिटी और मेरा लुक मेरी एक्टिंग से और बेहतर हुए हैं. मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि भले ही कुछ टाइम के लिए में कुछ उलझन में था लेकिन मैंने जल्द ही इस उलझन से अपने आप को बाहर निकाल लिया.'
(Source: Bollywood Life)