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'Raat Akeli Hai' Review: नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे की शानदार एक्टिंग भी इस खराब थ्रिलर फिल्म को नहीं बचा पाई

Film: रात अकेली है 
OTT: नेटफ्लिक्स 
Cast: नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राधिका आप्टे, श्वेता त्रिपाठी, स्वानंद किरकिरे, आदित्य श्रीवास्तव, निशांत दाहिया, इला अरूण, शिवानी रधुवंशी, तिग्मांशु धूलिया और पद्मावती राव
Director: हनी त्रेहान 
Rating: 3 मून्स 
नवाजुद्दीन सिद्दीकी और राधिका आप्टे की 'रात अकेली है'  नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है. हनी त्रेहान की पहली डायरेक्ट की हुई ये 2 घंटे 30 मिनट की क्राइम सस्पेंस मर्डर मिस्ट्री फिल्म दो इंटरलिंकड कोल्ड ब्लडेड मर्डर की अंधेरी परतों में गहराई तक समाई हुई हैं.

कानपुर के बेलाघाट के बैकड्रॉप पर सेट Raat Akeli Hai की कहानी   इंस्पेक्टर जतिल यादव (नवाजुद्दीन) के चारों और धूमती हैं.  इला अरुण ने फिल्म में जतिल यादव की मां का किरदार निभाया है और वो चाहती हैं कि जतिल एक अच्छी दिखने वाली और गोरी लड़की से शादी कर के घर बसा ले. इस सामाजित भेदभाव की साफ रंग हो चाहिए इसको लेकर जतिल की अपनी एक अलग लड़ाई चलती है. 

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एक रात, उन्हें शहर में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व ठाकुर रघुवीर सिंह (खालिद तैयबजी) की निर्मम हत्या हो जाती है और इस हत्या की  इन्वेस्टिगेशन का जिम्मा सौंपा जाता है जतिल यादव को. हैरानी की बात ये होती है कि उनकी हत्या के कुछ घंटे पहले ही ठाकुर ने राधा (राधिका आप्टे) से शादी की जो उनकी आधी उम्र की थी. ठाकुर की पहली पत्नी की पांच साल पहले एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई थी.

जतिल के संदिग्धों में ठाकुर की बेटी करुणा सिंह (श्वेता तिवारी) और उनकी पहली पत्नी के परिवार से उनके भाई रमेश चौहान (स्वानंद किरकिरे), उनकी पत्नी प्रमिला सिंह (पद्मावती राव) और उनके बच्चे विक्रम सिंह (निशांत दहिया) और वसुधा सिंह (शिवानी रघुवंशी) शामिल हैं. 


वहीं ठाकुर के परिवार वाले राधा से नफरत करते है और राधा को ठाकुर की रखैल बोलते है, ये बात जतिल को परेशान करती है..क्योकि वो राधा की सुंदरता से प्रभावित हो जाता है. वहीं लोकल पॉलिटिशियन मुन्ना राजा (आदित्य श्रीवास्तव) अपनी पावर और कनेक्शन का इस्तेमाल कर जतिल की शक की सूई को बार बार राधा की ओर घुमाने की कोशिश करता है. लेकिन जतिल को यकीन नहीं होता की राधा दोषी है. वहीं एक भ्रष्ट पुलिस अधीक्षक लालजी शुक्ला (तिग्मांशु धूलिया)  जतिल की इन्वेस्टिगेशन को मुश्किल बनाने में लगे रहते हैं. 

हनी त्रेहान, जो पहले एक कास्टिंग डायरेक्टर थे, इस कम मजेदार इंवेस्टिगेटिव थ्रिलर को बनाने का एक ईमानदार प्रयास करते हैं. ये फिल्म धीमी गति से आगे बढ़ती है लेकिन क्लाइमेक्स तक आते आते फिल्म मार्मिक हो जाती है, लेकिन तब तक कहानी थकाऊ हो जाती है. स्मिता सिंह की कहानी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स एक एक्साइटेड बनाने में नाकाम हैं. नस्लीय भेदभाव, गैर-सहमति वाले सेक्स जैसे सब्जेक्ट पर भी रोशनी डाली गई है, लेकिन सब अक्षर आधे पके हुए टाइप है....इनमें गहराई कम है. 
'रात अकेली है' में कोई ऐसे सस्पेंस नहीं है कि आप फिल्म देखते देखते नाखून चबा जाए, लेकिन हां नवाज़ुद्दीन और राधिका ने अपने अपने करेक्टर्स बहुत अच्छे से निभाए है और ये आपका छ्यान खींच भी लेंगे. ये दोनों ही कलाकार अद्भुत हैं. जतिल के अपने स्ट्रगल है...पर्सनल भी और प्रोफेशनल भी. वह सुपरकॉप नहीं हैं, लेकिन मूंछे और चश्मे के लुक के साथ उनकी कठोर पुलिस अभिव्यक्ति जब भी राधा की सुंदरता देखती है मुस्कुरा जाती है. राधा शक्ति का प्रतीक है. यातना और कठिनाई का सामना करने के बाद, वह किसी से नहीं डरती. 


बाकी एक्टर्स की बात करें तो, शिवानी रघुवंशी और निशांत दहिया सबसे ज्यादा निखरकर सामने आए है. ये एक्ट्रेस इससे पहले वेब सीरीज 'मेड इन हेवन' में दिखाई दी थी, ये स्क्रीन के सामने जब भी आती है छा जाती हैं और इऩके एक्प्रेशन्स कमार के है. निशांत अपने करेक्टर विक्रम में एक दम फिट बैठते हैं लेकिन इस रोल को और ज्यादा डेवलप करने की जरूरत थी. वहीं बात करे श्वेता त्रिपाठी, पद्मावती राव और आदित्य श्रीवास्तव जैसे मजबूत और टैलेंटेड एक्टर्स बिल्कुल बर्बाद हो गए हैं...उनके रोल्स को अच्छे से डेवलप ही नहीं किया गया.

प्रोडक्शन डिज़ाइन बहुत रॉ और रियल है. फोटोग्राफी के डायरेक्टर पंकज कुमार ने सही मायनों में शहर को कैप्चर किया. सैंस शीन और ग्लॉस, उनका कैमरा एक रियलिस्टिक पिक्चराइजेशन दिखाता है. श्रीकर प्रसाद ने 'रात अकेली है' को कुरकुरा रखने की कोशिश की, लेकिन इसके असमान कहानी को सही से ट्रीट करने में नाकाम रहे. स्नेहा खानवलकर का म्यूजिक कई बार थिरकने को मजबूर करता है. लेकिन कहानी के साथ बहते हुए, यह छोटे शहर के बैकड्रॉप के लिए  ओरिजनल है. 

'रात अकेली है' है फिल्म का नाम सदाबहार देव आनंद की एवरग्रीन फिल्म 'ज्वेल थीफ' के आइकॉनिक सॉन्ग से लिया गया है. आशा भोसले द्वारा मुखर भावों की एक सीमा को खूबसूरती से कैद करने वाले गाने के अलावा फिल्म में एक सपाट कहानी है जो एंड तक जाती तो है पर कहानी को लेकर मन में एक्साइटमेंट नहीं रहती है. 
 

PeepingMoon.com फिल्म 'रात अकेली है' को 3 मून्स देता है. 

(Transcripted By: Varsha Dixit

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