फिल्म: IPC 420
कास्ट: विनय पाठक, गुल पनाग, रणवीर शौरी, रोहन विनोद मेहरा
डायरेक्टर: मनीष गुप्ता
प्लेटफॉर्म: Zee5
रेटिंग: 3.5 मूंस
420 IPC एक सस्पेंस थ्रिलर है, जिसकी कहानी एक C.A चार्टर्ड अकाउंटेंट बंसी केसवानी (विनय पाठक) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिस पर जालसाजी का आरोप है, और इसलिए, उसे अदालत में खुद को निर्दोष साबित करना पड़ता है. हालांकि, आपको शुरू में यह कहानी पड़ने में आम लग रही होगी, लेकिन आपको बता दें कि मनीष गुप्ता द्वारा लिखे और साथ ही डायरेक्ट किये गए इस कहानी को देखना अपने आप में एक रोमांचक सफर पर आपको लेकर जाता है.
कहानी की शुरुआत एक ऑफिस से होती है, जहां बंसी अपने क्लाइंट के पास बैठा होता है, हालांकि वह जैसे ही वहां से निकलता है इनकम टैक्स विभाग की रेड पड़ती है और बंसी के क्लाइंट को पैसों की फेरबदल के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता है. दूसरी तरफ जैसे ही बंसी घर पहुँचता है, उसकी पत्नी पूजा (गुल पनाग) बैंक के नोटिस का पेपर लेकर बताती है कि लोन न भर पाने की वजह से उन्हें घर खाली करना पड़ सकता है. ऐसे में घर में इनकम टैक्स की रेड पड़ती है और वह घर का कोना-कोना चेक करने लगते हैं. हालांकि बंसी उन्हें समझाने की पूरी कोशिश करता है कि वह खुद कर्जे में डूबा हुआ है और उसका इन सब कोई लेना देना हैं, जो आखिर में साबित हो जाता है.
कहानी आगे बढ़ती है, बंसी अपने एक असिस्टेंट के साथ अपना काम देखता रहता है. सभी चीजें बदली हुई दिख रही हैं, सिवाए एक चीज के की बंसी अभी भी कर्ज में डूबा हुआ है. हालांकि, कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब एक बार फिर बंसी पर अपने ही क्लाइंट नीरज सिन्हा के चेक बुक से चार चेक चोरी करने का आरोप लगता है. बंसी अपनी पत्नी को एक सस्ते और अच्छे वकील का नंबर देता है, जो उसका केस लड़ सकता है. ऐसे में फिल्म में एंट्री होती है एडवोकेट बीरबल चौधरी ( रोहन विनोद मेहरा) की जो बहुत कम पैसों में केस जरूर लड़ता है, लेकिन उसके तह तक जाने के लिए अपने जेब से भी पैसे डालने में पीछे नहीं हटाता. जबकि शिकायतकर्ता सिन्हा के वकील के रूप में रणवीर शौरी को देखा जा सकता है, जो बीच-बीच में बंसी के लिए चीजें मुश्किल करते हुए नजर आ रहे हैं.
कहानी में किरदार जैसे दीखते हैं, वो वैसे हैं नहीं. कहानी जितनी सुलझी हुई लगती है असल में वो वैसी है नहीं. अब कहानी में बंसी के साथ होता क्या है, बंसी ने सच में चोरी की है और क्या बंसी इन सब से बच पता है कि नहीं ? इन सभी सवालो के जवाब के लिए आपको इस रोमांचक फिल्म को देखना होगा.
एक्टिंग की बात करे तो सीधे-साधे चार्टर्ड अकाउंटेंट बंसी केसवानी की भूमिका में विनय पाठक ने हर बार की तरह अपनी छाप छोड़ी है. जबकि उनकी पत्नी की भूमिका में गुल सही बैठती हैं. दूसरी तरफ पूरी फिल्म में रोहन विनोद मेहरा ने अपनी एक्टिंग से हमें इम्प्रेस किया है, दूसरी तरफ रणवीर शौरी एक बार फिर कुछ हटकर करते दिखाई दे रहे हैं. कुल मिलाकर फिल्म की टैलेंटेड कास्ट को अच्छी तरह से इस्तेमाल करने की मनीष गुप्ता ने कोशिश की है और कहीं न कहीं वो इसमें कामयाब भी नजर आते हैं.
हालांकि, फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी लगती है, लेकिन जैसे-जैसे यह एक कोर्ट रूम ड्रामा का रूप लेती है चीजे दिलचस्प होती दिखाई देती हैं. हालांकि, कई जगहों को कहानी को और ट्विस्ट से भरा बनाने की जरुरत है लेकिन फिर भी फिल्म आपको अंत तक बांधे रखती है. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग भी अच्छी है. ऐसे में अगर इस हफ्ते आप कुछ अच्छा और मजेदार कंटेंट देखने का मन बना रहे हैं, तो IPC 420 एक सही चॉइस है.
PeepingMoon IPC 420 को 3 मून देता है.