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आयुष्मान खुराना ने डेविड बेकहम से मिलाया हाथ, मिलकर करेंगे बच्चों के खिलाफ़ हिंसा को ख़त्म करने पर काम

यूनिसेफ इंडिया ने #ForEveryChild, यानी बच्चों के हक़ एवं अधिकारों को प्रोत्साहन देने के लिए यूथ आइकन और थॉट-लीडर, आयुष्मान खुराना को सेलिब्रिटी एडवोकेट के रूप में अपनी इस मुहिम से जोड़ा है। आयुष्मान खुराना बच्चों के खिलाफ़ हिंसा को ख़त्म करने की दिशा में यूनिसेफ द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करेंगे। यूथ आइकन भारत में इस इनिशिएटिव के लिए काम करेंगे, और इसके लिए उन्होंने एक मशहूर शख़्सियत डेविड बेकहम के साथ हाथ मिलाया है जो पूरी दुनिया में इस कैंपेन के लिए काम कर रहे हैं।
 
चाइल्ड राइट्स के लिए एक सेलिब्रिटी एडवोकेट के रूप में आयुष्मान खुराना का स्वागत करते हुए, भारत में यूनिसेफ के रिप्रेजेंटेटिव, डॉ. यास्मीन अली हक़ ने कहा, “आज यूनिसेफ के एक सेलिब्रिटी एडवोकेट के तौर पर आयुष्मान खुराना का स्वागत करते हुए मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है। वह एक ऐसे ऐक्टर हैं जिन्होंने अपने हर किरदार के जरिए एक मिसाल कायम की है। वह पूरी सेंसटिविटी और पैशन के साथ, हर बच्चे के लिए एक पावरफुल वॉइस साबित होंगे। आयुष्मान बच्चों के खिलाफ़ हिंसा को ख़त्म करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में हमारा साथ देंगे। उनके सहयोग से इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने में हमें काफी मदद मिलेगी, क्योंकि कोविड-19 के दौर में लंबे समय तक चलने वाले लॉकडाउन और इस महामारी के सोशियो-इकोनॉमिक इंपैक्ट की वजह से बच्चों के खिलाफ़ हिंसा और दुर्व्यवहार का खतरा काफी बढ़ गया है।”

(यह भी पढ़ें: Peepingmoon Exclusive: नेपोटिज्म पर बोले आदित्य सील, कहा- 'ये सब बकवास बातें हैं, आयुष्मान खुराना एक आउटसाइडर है पर सफल है, पर इस पर कोई बात नहीं कर रहा है')

एक्टर आयुष्मान खुराना ने कहा, “मुझे सेलिब्रिटी एडवोकेट के रूप में यूनिसेफ के साथ काम करने का मौका मिला है और यह मेरे लिए बड़ी ख़ुशी की बात है। मैं मानता हूं कि, हर किसी को बेहतर बचपन पाने का पूरा हक़ है। जब मैं देखता हूं कि हमारे बच्चे अपने घर में पूरी तरह से सुरक्षित हैं और खेल-कूद का पूरा आनंद लेते हैं, तब मुझे उन सभी बच्चों का ख़्याल आता है जिनका बचपन सुरक्षित नहीं है, और वे घर या घर के बाहर दुर्व्यवहार को झेलते हुए बड़े होते हैं। मैं यूनिसेफ के साथ मिलकर समाज के सबसे कमजोर तबके के बच्चों के अधिकारों का समर्थन करने के लिए तैयार हूं, ताकि वे हिंसा से मुक्त माहौल में ख़ुशहाल, स्वस्थ और पढ़े-लिखे नागरिक के तौर पर विकसित हो सकें।

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