ऑस्कर विनिंग म्यूजिक कंपोजर ए आर रहमान हमेशा विवादों से दूर रहना पसंद करते हैं. लेकिन इस बार उनका नाम टैक्स चोरी के विवाद से जुड़ता हुआ नजर आ रहा है. बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनपर आरोप लगाते हुए मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया है. तो चलिए आपको बताते हैं क्या है यह पूरा मामला.
डिपार्टमेंट द्वारा की गयी अपील को स्वीकार करते हुए, न्यायमूर्ति टीएस शिवगणानम और न्यायमूर्ति वी भवानी सुब्बारोयान की खंडपीठ ने संगीतकार को नोटिस भेजा है.
(यह भी पढ़ें: 25 साल के युवक ने एक्टर सोहम शाह के घर चोरी को दिया अंजाम, मुंबई पुलिस ने हाथ के टैटू से पकड़ा चोर )
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सीनियर स्टैंडिंग काउंसल टी. आर. सेंथिल कुमार के मुताबिक, रहमान को यूके स्थित लिब्रा मोबाइल्स के साथ एक समझौते के संबंध में वर्ष 2011-12 में 3.47 करोड़ रुपये की इनकम हुई थी.
आरोप में कहा गया है कि ए आर रहमान ने टैक्स से बचने के लिए, उनके द्वारा प्रबंधित एक धर्मार्थ ट्रस्ट, ए आर रहमान फाउंडेशन के माध्यम से 3 करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित की है. बात करें एआर रहमान फाउंडेशन की तो इसे 2009 में रहमान और उनके परिवार द्वारा स्थापित किया गया था. फाउंडेशन का उद्देश्य विशेष रूप से जरुरतमंदो के लिए म्यूजिक, एजुकेशन और लीडरशिप का निर्माण करना है.
(Source: Times Of India)