बॉलीवुड में इस समय नेपोटिज्म, इंसाइडर्स वर्सेज आउटसाइडर्स और ग्रुपिज्म पर बहस छिड़ी हुई है. कई एक्टर्स, संगीतकार, राइटर, डायरेक्टर्स इस पर खुल कर बोल चुके है. इन डिबेट्स को लेकर कई सेलेब्स को आए दिन सोशल मीडियो पर यूजर्स के गुस्से का सामना करना पड़ रहा हैं. सोशल मीडिया पर अकसर आलिया और रणबीर को नेपोटिज्म मामले में घसाटी जाता रहा है. वहीं फिल्ममेकर विक्रम भट्ट ने नेपोटिजम की बहस को बकवास बताते हुए आलिया भट्ट और रणबीर कपूर का सपोर्ट किया है.
एक लीडिंग वेबसाइट से बातचीत करते हुए विक्रम भट्ट ने कहा, ‘बाकी के बेकार के मुद्दों के साथ नेपोटिज्म पर भी बेकार की चर्चा हो रही है, क्योंकि मिनिस्टर का बेटा मिनिस्टर बनता है, उद्योगपति का बेटा उद्योगपति बनता है, क्रिकेटर का बीटा क्रिकेटर बनता है, लेकिन ऐक्टर का बेटा ऐक्टर और डायरेक्टर का बेटा डायरेक्टर नहीं बन सकता है. यह बात कतई सही नहीं है. कोई भी आदमी मेहनत क्यों करता है, इसलिए ताकि जो बुरे दिन देखकर उसने मेहनत की है, उन बुरे दिनों से उसके परिवार को सामना न करना पड़े.'
विक्रम भट्ट ने आगे कहा कि, 'अगर दर्शकों ने आलिया भट्ट और रणबीर कपूर सराहा न होता तो वह कभी भी स्टार नहीं बनते, दोनों को स्टार दर्शकों ने ही बनाया है, दर्शकों का प्यार मिला है तब वह स्टार बने हैं. ऐसे कई ऐक्टर्स - डायरेक्टर्स थे, जिन्हें परिवार की ओर से मौका तो मिला, लेकिन दर्शकों ने उन्हें नकार दिया और वह नहीं चले. आप हालिया उदाहरण में सनी देओल के बेटे करण देओल को ही देख लीजिए नहीं चली उनकी डेब्यू फिल्म, नकार दिया दर्शकों ने, क्या कर पाए सनी देओल बताइए आप. दर्शक बनाते हैं स्टार. मुझे लगता है नेपोटिजम एक बकवास सी चर्चा है, जो चली है, बाकी कई बकवास चर्चाओं की तरह यह भी है.'