रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ पर किए जा रहे 'बॉलीवुड ड्रग्स माफिया' रिपोर्ताज के एक काउंटर के रूप में, 38 प्रोड्यूसर्स ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मुकदमा दायर किया है, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के खिलाफ की जा रही गैर-जिम्मेदार, अपमानजनक और अपमानजनक टिप्पणियों पर अंकुश लगाने की मांग की गई है.
यह सूट रिपब्लिक के अर्नब गोस्वामी और प्रदीप भंडारी और टाइम्स नाउ के राहुल शिवशंकर और नविका कुमार को बॉलीवुड हस्तियों के मीडिया ट्रायल का संचालन करने और उनके राइट टू प्राइवेसी में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है.
[BREAKING] Suit has been filed before Delhi High Court by four Bollywood industry Assns & 34 leading Bollywood producers AGAINST
Republic TV
Arnab Goswami
Pradeep Bhandari
Times Now
Rahul Shivshankar
Navika Kumar @navikakumar @pradip103 @RShivshankar #ArnabGoswami pic.twitter.com/NXAP4w1Uvp— Bar & Bench (@barandbench) October 12, 2020
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बॉलीवुड के लगभग सभी जाने माने प्रोड्यूसर्स इसमें शामिल हैं, जिसमे प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, द सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन, फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर कॉउन्सिल, स्क्रीनराइटर एसोसिएशन , आमिर खान प्रोडक्शंस, एड-लैब्स फिल्म्स, अजय देवगन Fफिल्म्स , अंडोलन फिल्म्स, अनिल कपूर फिल्म एंड कम्युनिकेशन नेटवर्क, अरबाज खान प्रोडक्शंस, आशुतोष गोवारिकर प्रोडक्शंस, बीएसके नेटवर्क एंड एंटरटेनमेंट, केप ऑफ गुड फिल्म्स, क्लीन स्लेट फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शंस, एम्मे एंटरटेनमेंट एंड मोशन पिक्चर्स, एक्सेल एंटरटेनमेंट, फ़िल्मक्राफ्ट प्रोडक्शंस, होप प्रोडक्शन, कबीर खान फिल्म्स, लव फिल्म्स, मैकगफिन पिक्चर्स, नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट, वन इंडिया स्टोरीज, आर एस एंटरटेनमेंट, राकेश ओमप्रकाश मेहरा पिक्चर्स, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट, रील लाइफ प्रोडक्शंस, रोहित शेट्टी पिक्चर्स, रॉय कपूर प्रोडक्शंस, सलमान खान वेंचर्स, सोहेल खान प्रोडक्शंस, सिख्या एंटरटेनमेंट, टाइगर बेबी डिजिटल, विनोद चोपड़ा फिल्म्स, विशाल भारद्वाज फिल्म, यशराज फिल्म्स का नाम सजमिल है.
प्रोड्यूसर्स ने इन पत्रकारों द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद फिल्म इंडस्ट्री में संचालित एक तथाकथित ड्रग कार्टेल का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वाक्यांशों पर आपत्ति जताई है. इन वाक्यांशों में शामिल हैं, "गंदगी", "स्कम", "ड्रागी" और इसके साथ इस तरह के एक्सप्रेशन कहे जाते हैं, "यह बॉलीवुड है जहां गंदगी को साफ़ करने की आवश्यकता है," "अरब के सभी परफ्यूम बॉलीवुड की गंदगी की बदबू को दूर नहीं कर सकती", "यह देश का सबसे गन्दी इंडस्ट्री है", "कोकीन और एलएसडी ने बॉलीवुड को सराबोर कर दिया है."
डीएसके लीगल द्वारा दायर, सूट में लिखा है, "डिफेंडेंट्स द्वारा चलाए जा रहे स्मियर कैंपेन से बॉलीवुड से जुड़े लोगों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हो रही है. यह चल रही महामारी में जुड़ी हुई एक अलग परेशानी है, जिसकी वजह से एक्सट्रीम रेवेनुएस और काम के अवसर का नुकसान हुआ है. बॉलीवुड के मेंबर्स की प्राइवेसी पर हमला किया जा रहा है, और उनकी प्रतिष्ठा को पूरे बॉलीवुड को अपराधियों के रूप में चित्रित करके, ड्रग कल्चर में डूबा हुआ बताया जा रहा है. लोगों की नजरो में बॉलीवुड को क्रिमिनल एक्ट्स में लिप्त बताया जा रहा है."
[BREAKING] Suit has been filed before Delhi High Court by four Bollywood industry Assns & 34 leading Bollywood producers AGAINST
Republic TV
Arnab Goswami
Pradeep Bhandari
Times Now
Rahul Shivshankar
Navika Kumar @navikakumar @pradip103 @RShivshankar #ArnabGoswami pic.twitter.com/NXAP4w1Uvp— Bar & Bench (@barandbench) October 12, 2020
यह बताया गया है कि इन पत्रकारों को पहले दंडित किया गया था और फटकार लगाई गई थी और गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्ट और अपमानजनक कंटेंट के लिए अदालतों द्वारा उनके खिलाफ आदेश पारित किए गए थे. प्रोड्यूसर्स ने यह भी दावा किया है कि, उन्हें पहले गलत समाचार प्रसारित करने का दोषी पाया गया है.
इसके अलावा, यह आरोप लगाया गया है कि ये समाचार चैनल केबल टेलीविज़न नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 की धारा 5 के तहत बनाए गए प्रोग्राम कोड "खुलेआम धज्जियां" उड़ा रहे हैं, जो केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के नियम 6 में निहित है.
"ये डिफेंडेंट समानांतर निजी 'जांच' का संचालन और प्रकाशन कर रहे हैं और बॉलीवुड से जुड़े लोगों की निंदा करने वाले" अदालतों "के रूप में प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं, जो उनके द्वारा दावा किए गए" सबूत "के आधार पर दोषी पाए जाते हैं, जिससे आपराधिक जस्टिस सिस्टम का मज़ाक बनाने की कोशिश की जाती है."
प्रोड्यूसर्स यह स्पष्ट करते हैं कि वे सुशांत सिंह राजपूत मामले में जांच से संबंधित कवरेज पर प्रतिबंध लगाने की मांग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने गोस्वामी, शिवशंकर और सह के खिलाफ स्थाई निषेधाज्ञा मांगी है, ताकि वह "लागू कानूनों का उल्लंघन करने वाले कंटेंट्स का प्रकाशन न करें."