हिंदी फिल्म उद्योग इस वर्ष कुछ गहरे व्यक्तिगत नुकसान के साथ गुज़र कर चुका है। इरफान खान, ऋषि कपूर और फिर सुशांत सिंह राजपूत की दुखद यकायक मृत्यु के साथ, इन्दुस्ट्री में एक खालीपन सा महसूस हो रहा है। इस प्रकार, उनकी को याद करने के लिए इस वर्ष के पहले भारतीय फिल्म फेस्टिवल - इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ मेलबोर्न में उनकी विरासत को याद करना महत्वपूर्ण था। IFFM के श्रद्धांजलि सेक्शन के एक भाग के रूप में, फेस्टिवल में इरफान खान की सॉन्ग ऑफ़ स्कॉर्पियन, ऋषि कपूर की 102 नॉट आउट और सुशांत सिंह राजपूत की केदारनाथ की स्क्रीनिंग होगी।
मीतू भौमिक लांगे ने एक बयान में कहा, "कलाकार अपनी विरासत के माध्यम से जीते हैं। ये कुछ बेहतरीन पुरुष थे, जिन्होंने कुछ अविश्वसनीय फिल्में कीं, जो सभी के साथ हमेशा रहेगी। यह हमारे लिए इस अवसर पर उनको याद करना महत्वपूर्ण था। हमने कुछ बेहतरीन फिल्मों हमारे दर्शक के लिए चुना है जो हमे उनकी जीवन की झलकियों में उनके साथ अपने जीवन को जीने एक और मौका मिलेगा। फिल्म उद्योग के लिए उनका नुकसान की भरपाई होना मुश्किल है लेकिन उनकी फिल्मों का जादू इसके बाद की पीढ़ियों का मनोरंजन करता रहेगा। "
यह कहाँ जा सकता है कि ऋषि कपूर की 102 नॉट आउट (जिसमें अमिताभ बच्चन भी हैं) और राजपूत की केदारनाथ (जो सारा अली खान की पहली फिल्म थी और दुनिया भर में व्यावसायिक सफलता पायी थी) यह पहली बार है जब भारतीय ऑडियंस को विश्व स्तर पे इर्र्फान खान की फिल्म सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन देखने को मिलेगी। 2017 की इस फिल्म में इर्र्फान खान ने अपने क़िस्सा निर्देशक अनूप सिंह के साथ दोबारा काम किया और फिल्म में गोलशिफे फराहानी ने अभिनय किया। 2017 में लोकार्नो फिल्म महोत्सव के प्रीमियर के बाद इस फिल्म का रिव्यु किया गया था।