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बॉलीवुड प्रोड्यूसर्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की न्यूज चैनल्स को हिदायत- 'अपमानजनक कंटेंट न टेलीकास्ट करें न सोशल मीडिया पर पोस्ट करें'

34 फिल्म बॉलीवुड प्रोड्यूसर्स की याचिका में रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ को कथित तौर पर गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक टिप्पणियां करने या प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया गया था. जिसपर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कई मीडिया हाउस और उनके पत्रकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इनमें रिपब्लिक टीवी के एग्जीक्यूटिव एडिटर अर्नब गोस्वामी और टाइम्स नाउ की एग्जीक्यूटिव एडिटर नविका कुमार शामिल हैं. 

कोर्ट की ओर से न्यूज चैनल्स और पत्रकारों को हिदायत दी गई है कि उनकी ओर से अपमानजनक कंटेंट न चैनल पर प्रसारित हो और न ही इसे सोशल मीडिया हेडलाइंस में पोस्ट किया जाए। जस्टिस राजीव शकधर की बेंच ने कहा, 'मुझे चैनल्स के वकील ने यह सुनिश्चित किया है कि वे केबल टीवी विनियमन अधिनियम के तहत बनाए गए प्रोग्राम कोड और नियमों का पालन करेंगे.' मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी.

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कोर्ट ने इस दौरान ब्रिटिश राजकुमारी डायना का उदाहरण दिया, जिनकी मौत 1997 में हुई थी। कोर्ट ने कहा, 'राजकुमारी डायना के केस में उनकी मौत इसलिए हुई, क्योंकि वे मीडिया से दूर भाग रही थीं। आप इस तरह से नहीं जा सकते।" गौरतलब है कि प्रिंसेज डायना की कार फोटोग्राफर्स से बचने के चक्कर में एक पोल से टकरा गई थी और 31 अगस्त को 1997 को उनकी मौत हो गई थी.'

 

बता दें कि, यह मुकदमा बॉलीवुड के चार एसोसिएशनों और 34 प्रमुख निर्माताओं ने 12 अक्टूबर को दायर किया था. इस पर न्यायमूर्ति राजीव शकधर की पीठ सुनवाई की. फिल्म एसोसिएशन  और 34 फिल्म निर्माताओं ने न्यूज चैनल्स पर बॉलीवुड को बदनाम करने का आरोप लगाया था. 

निर्माताओं का कहना है कि वे चाहते हैं कि प्रतिवादी (मीडियाकर्मी) केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों के तहत कार्यक्रम संहिता के प्रावधानों का पालन करें और फिल्म उद्योग के खिलाफ उनके द्वारा प्रकाशित सभी अपमानसूचक सामग्री को वापस लिया जाए. उन्होंने दावा किया कि फिल्म उद्योग विभिन्न अन्य उद्योगों के लिए रोजगार का एक बड़ा स्रोत है जो काफी हद तक इस पर निर्भर है. याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत समाचार चैनलों को बॉलीवुड हस्तियों का मीडिया ट्रायल और गोपनीयता के उनके अधिकार में हस्तक्षेप ना करने का निर्देश दे। साथ ही केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत प्रोग्राम कोड का पालन करें और बॉलीवुड के खिलाफ प्रकाशित अपमानजनक सामग्री को वापस लें.

याचिकाकर्ताओं में ये चार एसोसिएशन जिसमें द प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ़ इंडिया, द सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन, द फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल, स्क्रीन-राइटर्स एसोसिएशन शामिल है. वहीं 34 प्रोडक्शन हाउस में यशराज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शंस, आमिर खान प्रोडक्शंस, सलमान खान वेंचर्स, सोहेल खान प्रोडक्शंस, रोहित शेट्टी पिक्चर्स, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट, राकेश ओमप्रकाश मेहरा पिक्चर्स, नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट, कबीर खान फिल्म्स, अजय देवगन फिल्म्स, केप ऑफ गुड फिल्म्स, अरबाज खान प्रोडक्शंस, आशुतोष गोवारिकर प्रोडक्शंस, अनिल कपूर फिल्म एंड कम्युनिकेशन नेटवर्क एक्सेल एंटरटेनमेंट, विनोद चोपड़ा फिल्म्स, विशाल भारद्वाज फिल्म्स, रॉय-कपूर प्रोडक्शंस, एड-लैब्स फिल्म्स, आंदोलन फिल्म्स, बीएसके नेटवर्क एंड एंटरटेनमेंट, क्लीन स्लेट फिल्म्स, एमी एंटरटेनमेंट एंड मोशन पिक्चर्स फिल्म-क्राफ्ट प्रोडक्शंस, होप प्रोडक्शंस, लव फिल्म्स, मैकगुफिन पिक्चर्स, वन इंडिया स्टोरीज, आर एस एंटरटेनमेंट, रियल लाइफ प्रोडक्शंस, सिखया एंटरटेनमेंट, टाइगर बेबी डिजिटल शामिल हैं. 

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