रविवार दोपहर बंगाली दिग्गज अभिनेता सौमित्र चटर्जी ने आखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया. लंबे समय से सौमित्र अपस्पताल में अपना इलाज करवा रहे थे लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वो इस तरह दिवाली के एक दिन बाद सभी को छोड़कर चले जाएंगे. अस्पताल में भर्ती होने से पहले सौमित्र ने अपनी बायोपिक की शूटिंग पूरी कर ली थी लेकिन उनके जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग अधूरी रह गयी थी.
मार्च में लॉकडाउन से पहले उनकी बायोपिक ‘अभिजान' की शूटिंग का एक हिस्सा पूरा हुआ था, बाद में फिर से शूटिंग करने की अनुमति मिलने के बाद कोलकाता के दो जगहों पर उन्होंने बाकी बचे तीन दिन का काम पूरा कर लिया था.
CM ममता बनर्जी की मौजूदगी में राजकीय सम्मान और गन सेल्यूट के साथ सौमित्र चटर्जी का हुआ अंतिम संस्कार
1962 में रिलीज हुई सत्यजीत रे की फिल्म का नाम भी 'अभिजान' था, जिसमें चटर्जी ने टैक्सी चालक की भूमिका निभाई थी. प्रोडक्शन टीम के एक सदस्य ने बताया कि शूटिंग के दौरान वह अपने ही अंदाज में रहे. उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय थी.
अभिनेता- निर्देशक परमब्रत चटर्जी बायोपिक बना रहे थे, जिसमें जीशू सेनगुप्ता ने युवा सौमित्र की भूमिका निभाई है जबकि जीवन के बाद के चरण की भूमिका उन्होंने खुद निभाई. दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता सौमित्र चटर्जी ने अपने जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाने पर भी सहमति दी थी. सितंबर के आखिर में इसकी शूटिंग शुरू हुयी थी. डॉक्यूमेंट्री के कुछ हिस्से की शूटिंग सात अक्टूबर को तय थी लेकिन उससे एक दिन पहले ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.