3 नवंबर को मुंबई पुलिस ने कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल को फ्रेश समन भेज पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया था. कंगना को 9 नवंबर को हाजिर होने के लिए कहा गया था और रंगोली को 10 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया था.
इससे पहले मुंबई पुलिस ने कंगना और रंगोली को समन भेजकर 26-27 अक्टूबर को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था मगर दोनों हाजिर नहीं हुई थीं. दोनों बहनों के खिलाफ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में 124ए (राजद्रोह), 295ए और 153ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. यह एफआईआर बांद्रा कोर्ट ने कास्टिंग डायरेक्टर साहिल अशरफ सैय्यद की शिकायत के बाद दर्ज करने के आदेश दिए थे.
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एफआईआर के अनुसार कंगना और रंगोली ने अपने ट्वीट्स के से सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और महाराष्ट्र सरकार का नाम बदनाम करने का काम किया है. वहीं, कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया था कि कंगना लगातार बॉलीवुड को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से लेकर टीवी तक, हर जगह वह इंडस्ट्री के खिलाफ बोल रही हैं.
कंगना पर यह भी आरोप है कि उन्होनें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच जहर पैदा किया है. उनके लगातार ट्वीट्स से धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है. इन आरोपों के जवाब में कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा था कि वह पहले कंगना के उन ट्वीट्स को देखना चाहते हैं.