2003 में रिमी सेन ने फिल्म 'हंगामा' से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्में जैसे गोलमाल: फन अनलिमिटेड', फिर हेरा फेरी, गरम मसाला की. एक इंटरव्यू में रिमी ने बताया कि उन्हें हमेशा एक ही तरह के रोल मिलते थे. उन्होंने कहा, 'फीचर फिल्म अलग तरह के बॉल गेम है. एक्टिंग की क्रिएटिव सेटिस्फेक्शन के अलावा फिल्मों ने भी मुझे बहुत पैसा दिया लेकिन मैं कॉमेडी फिल्मों में टाइपकास्ट थी और वो करते करते थक गयी थी. निर्देशक सेट पर स्क्रिप्ट लिखते थे, यह अब उनके माइंड में होता था. मैंने जिन फिल्मों में काम किया है 60% टाइम तो मुझे वो देखने के लिए ही नहीं मिलते थे.
रिमी ने जॉनी गद्दार ’और 'संकट सिटी’ जैसी फिल्मों के साथ अपने करियर के कोर्स को बदलने की कोशिश की. एक्ट्रेस ने कहा,'जब मैं गंभीर काम करना करना चाहती थी, मैंने श्रीराम राघवन, तिग्मांशु धूलिया से संपर्क किया, लेकिन दुर्भाग्य से उन फिल्मों की शूटिंग आगे बढ़ चुकी थी और बात नहीं बनीं. फिर से मेरे पास विकप्ल बंद हो चुके थे. रिमी ने आगे कहा, 'मैंने आशितोष गोवारिकर के साथ एक बार कमर्शियल फिल्म की थी तो मेरा उनके साथ मैत्रीपूर्ण रिश्ता है. मैंने स्वदेस के लिए ऑडिशन दिया था लेकिन बाद में यह फिल्म गायत्री जोशी को मिल गयी. मैंने मुन्ना भाई एमबीबीएस के लिए भी ऑडिशन दिया था और पॉजिटिव रिस्पॉन्स भी आया था लेकिन दुर्भाग्य से ग्रेसी सिंह को वह रोल मिल गया. ऐसे बहुत सारे मौके हैं जो मेरे हाथ से चले गए लेकिन फिर ऐसी चीजें एक अभिनेता के जीवन का हिस्सा और पार्सल हैं.
हालांकि, अब अभिनेत्री फिर से वापसी करने के लिए उत्सुक है और ओटीटी प्लेटफार्मों को देख रही है, जो लॉकडाउन के दौरान मनोरंजन के लिए एक लोकप्रिय प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है. रिमी ने कहा, 'बात यह है की मैंने ज्यादा नहीं लड़ा और हार मान ली, जब मुख्य कम से कम 3- 4 साल और रुकना चाहिए था लेकिन मैं इतनी थक गयी थी. हालांकि अब ओटीटी के साथ लगता है कि और मौके मिल सकते हैं. मैं क्रिएटिव सेटिस्फेक्शन के लिए काम करना चाहती हूं न कि अपने अस्तित्व के लिए. अब 30 के बाद की महिलाएं भी मुख्य भूमिकाएं कर सकती हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं था.
(Source: ETimes)