अभिनेता कमाल आर खान के वकील एडवोकेट मनोज गडकरी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने कभी भी वाशु भगनानी को बदनाम नहीं किया. कमाल ने उनके द्वारा प्रोड्यूस की गयी फिल्मों के बारे में टिप्पणी की थी. उनके वकील ने कहा कि कमाल ने कभी किसी को बदनाम करने की कोशिश नहीं की. चूंकि वह एक फिल्म समीक्षक हैं और एक आलोचक के रूप में अपनी क्षमता के अनुसार भगनानी द्वारा निर्मित फिल्मों के बारे में कई बार टिप्पणियां की.
मनोज गडकरी ने कमाल आर खान के उस ट्वीट की ओर पॉइंट किया, जो उन्होंने जून 2019 में पोस्ट किया था और अदालत से मामले को खारिज करने के लिए कहा था क्योंकि वाशु भगनानी को मुकदमा दायर करने में देरी हो गई थी. अदालत ने देखा कि कमाल के वकील जज एके मेनन को यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वीरेंद्र तुलजापुरकर (वाशु भगनानी के वकील) द्वारा किए गए आपत्तिजनक ट्वीट्स में से एक, भगनानी या उनकी क्षमताओं पर रिफ्लेक्शन नहीं था उनके बेटे जैकी भगनानी का था. कोर्ट ने कहा, 'यह एक उदाहरण के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है कि यह केवल एक महत्वपूर्ण टिप्पणी है और कुछ नहीं है.'
अदालत ने मनोज गडकरी का ध्यान कमाल द्वारा किये गए कुछ और ट्वीट्स पर केंद्रित करने की कोशिश की जिसके बाद वह 'यह बताने की स्थिति में नहीं थे कि बाकी ट्वीट्स किसी फिल्म की आलोचना करते हैं.'
वास्तव में, ये ट्वीट फिल्म के कंटेंट का उल्लेख नहीं करते हैं और बहुत स्पष्ट रूप से भगनानी को संदर्भित करते हैं और भगनानी ने बॉलीवुड में जो प्रभाव डाला है. जस्टिस मेनन ने कहा, 'इनमें से कई ट्वीट प्राइमा फेशियल निंदनीय और कार्रवाई योग्य हैं.'
वाशु भगनानी की ओर से वरिष्ठ वकील वीरेंद्र तुलजापुरकर का कहना है, 'इन ट्वीट्स के कंटेंट मानहानि और निराधार है.' उन्होंने कहा कि केआरके द्वारा दिए गए कथनों का कोई औचित्य नहीं है, जो सामान्य रूप से भगनानी को अपमानित करने और उपहास करने के उद्देश्य से हैं.