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FWICE के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने किया ऐलान, 'कोरोना के कारण मृत्यु होने पर 25 लाख और अस्पताल में एडमिट होने पर 2 लाख रुपये का मिलेगा मुआवजा'

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में 15 दिन के कर्फ्यू की घोषणा कर दी है. 14 अप्रैल से महाराष्ट्र में फिर से 15 तक कर्फ्यू जारी रहेगा. कुछ ज़रूरी सुविधाओं को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में अगले 15 दिन तक सारी चीज़ों पर रोक है. कर्फ्यू के मद्देनज़र 15 दिन के लिए इंडस्ट्री भी पूरी तरह बंद रहेगी. न किसी फिल्म की शूटिंग होगी, न ही टीवी सीरियल्स की. ऐसे में बार फिर से डेली वेजेस वर्कर्स की रोजी रोटी पर फिर से खतरा मंडरा रहा है. वैसे ही पिछले साल अक्टूबर में इंटरटेन इंडस्ट्री के फिर से शुरू होने के बाद मुंबई लौटे डेली वेजेस वर्कर्स फिर से दोबारा सू पहले जैसा सेट करने में लगे थे. वहीं अब फिर से राज्य सरकार ने 1 मई तक के लिए किसी भी तरह की शूटिंग पर रोक लगा दी तो फिर से डेली  वेजेस वर्कर्स की परेशानियां बढ़ रही है. वहीं इन परेशानियों को कम करने के लिए सिने निकायों ने कार्रवाई शुरू कर दी है. फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) यह सुनिश्चित कर रहा है कि संबंधित प्रोडक्शन हाउस अपने डेली  वेजेस वर्कर्स के लिए इलाज का खर्च वहन करे जिसने अपने प्रोजेक्ट की शूटिंग के दौरान वायरस को अनुबंधित किया है.

एफडब्ल्यूआईसीई के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने बताया कि, 'कोरोना  के कारण मरने पर 25 लाख रुपये और 2 लाख रुपये का अस्पताल में भर्ती होने पर मुआवजा दिया जाएगा. हाल ही में, हमारे एक सदस्य (जो एक टेलीविज़न शो में काम कर रहे थे) अपने घर वापस जाते समय एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे. शूटिंग के 18 घंटे बाद उन्होंने अपना जीवन खो दिया. हमने सुनिश्चित किया कि उनके परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. वह एक सहायक आर्ट डिजाइनर था. अगर उनकी पत्नी चाहेंगी तो पति का पद उनकी पत्नी को दिया जाएगा. जहां तक उन लोगों की बात है जिनके पास इस समय काम नहीं है, तो वे हमसे संपर्क कर सकते हैं. हम वह सब कुछ करेंगे जो हम अपनी व्यक्तिगत क्षमता में कर सकते हैं.'

FWICE के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने महाराष्ट्र सरकार से की अपील, कहा- 'सेफ्टी के लिए फिल्म सिटी बोर्ड वैक्सीनेशन बूथ खोलने के लिए है तैयार'

बता दें कि, इससे पहले FWICE के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने बताया था कि, 'कुछ प्रवासी कामगार अपने होम टाउन के लिए रवाना होने लगे हैं. पिछले साल जो उनकी हालत हुई ती उन सब से बचने के लिए लोग अभी से अपने घरों की तरफ जाने लगे है. कुछ सेट अधूरे छोड़ दिए गए हैं. विक्रम वेधा सेट पर केवल दो दिन काम किया गया था. पठान और टाइगर 3 के सेट को पूरा करने की जरूरत है. हम अभी भी सीएमओ की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. श्रमिकों की सुरक्षा के मद्देनजर, फिल्म निकायों ने एक वैक्सीनेशन प्लान भी रखा है, जो राज्य सरकार से लंबित है. फिल्म सिटी बोर्ड अपने परिसर में एक वैक्सीनेशन बूथ खोलने के लिए सहमत हुआ है और एक वैक्सीनेशन बूथ मीरा रोड-भायंदर क्षेत्र में खोलने पर राय बनी है.  जिसके बाद 15,000 कर्मचारी जो फिल्म सिटी में शूटिंग कर रहे हैं, शुरू कर सकते हैं. पत्र में यह भी बताया गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित वित्तीय पैकेज को इंटरटेनमेंट वर्कर्स, तकनीशियनों और अभिनेताओं तक बढ़ाया जाना चाहिए जो दैनिक-दांव ब्रैकेट में आते हैं. हम इन श्रमिकों के विवरणों को साझा करने के लिए तैयार हैं, लिस्ट में छोटे एक्टर्स भी शामिल हैं.'

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